मनीष सिसोदिया को कोई राहत नहीं, दिल्ली की अदालत ने 6 जुलाई तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने कहा था कि आवेदक भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट और रोकथाम के तहत आवश्यक जुड़वां शर्तों को पारित करने में विफल रहा। हालाकि कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सिसोदिया अपनी बीमार पत्नी से हर हफ्ते मिलना जारी रख सकते हैं।
आईएएनएस, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आप नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 6 जुलाई तक बढ़ा दी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने कहा था कि आवेदक भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट और रोकथाम के तहत आवश्यक जुड़वां शर्तों को पारित करने में विफल रहा। हालाकि, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि सिसोदिया अपनी बीमार पत्नी से हर हफ्ते उन्हीं शर्तों पर मिलना जारी रख सकते हैं, जो निचली अदालत ने पहले तय की थी।
सुधारात्मक याचिकाएं भी हुई खारिज
इस साल मार्च में, उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ आप नेता द्वारा चुनौती देने वाली सुधारात्मक याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था। इसके 2023 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिकाओं को खारिज करते हुए दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया।30 अप्रैल को भी जमानत देने से इनकार
30 अक्टूबर, 2023 को दिए गए अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर अगले तीन महीनों में मुकदमा धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, तो वह नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया जो दूसरी बार नियमित जमानत की मांग कर रहे थे।
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