Move to Jagran APP

EXCLUSIVE: नोएडा में लाखों लोगों के घर का सपना होगा साकार, बिल्डरों पर आफत

प्राधिकरण के नियोजन विभाग के अनुसार फ्लोर वार सिर्फ उन्हीं फ्लैटों की खरीद फोरख्त हो सकती है। जिनको एक यूनिट माना जाएगा। यहां यूनिट से मतलब एक किचन व बाथरूम से है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 13 Dec 2018 03:43 PM (IST)
Hero Image
EXCLUSIVE: नोएडा में लाखों लोगों के घर का सपना होगा साकार, बिल्डरों पर आफत
नोएडा [कुंदन तिवारी]। आवासीय संपत्ति को फ्री होल्ड करने से पहले ही दिल्ली से सटे यूपी के शहर नोएडा को एक बड़ा तोहफा मिल सकता है, वह भी नए साल पर। दरअसल, अब नोएडा में भी लोग अब फ्लोर वार फ्लैट्स/ मकानों की खरीद फरोख्त कर सकेंगे और इसकी बाकायदा रजिस्ट्री भी होगी। इसके लिए 11 दिसंबर से आपत्ति व सुझाव मांगने का सिलसिला नोएडा प्राधिकरण में शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि आगामी 15 दिनों के अंदर लोगों को सेक्टर-6 स्थित प्रशासनिक कार्यालय में अपना सुझाव व आपत्ति जमा करनी होगी। इसके बाद संकलित रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे शासन को भेजा जाएगा। वहां से अंतिम मुहर लगने के बाद इसे अमल में लाया जा सकेगा।

इस प्रस्ताव को प्राधिकरण ने अपनी 195वीं बोर्ड बैठक में पास किया था। यदि ऐसा होता है तो फ्री होल्ड होने से पहले ही शहरवासियों को यह अधिकार मिल जाएगा। जाहिर है ऐसा होने पर प्राधिकरण व रजिस्ट्री विभाग के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

बता दें कि इसका सीधा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर होगा। शहर में 30 हजार आवासीय भूखंड हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 40 वर्ग मीटर से 500 वर्गमीटर तक हैं। अगर घरों में फ्लोर वार रजिस्ट्री की अनुमति देता है तो यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर को बिक्री के मामले में प्रभावित करेगा।  ऐसे में यह नीति आम आदमी के लिए फायदेमंद होगी और उन्हें उबारने का काम करेंगी, लेकिन इस नीति से बिल्डरों की स्थिति और भी खराब होगी।

गौरतलब कि शहर में अब भी करीब 45 हजार खरीदार अपने घरों के लिए चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में यदि तल-वार रजिस्ट्री खुल जाती है, तो रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित होगा। 

प्राधिकरण के नियोजन विभाग के अनुसार फ्लोर वार सिर्फ उन्हीं फ्लैटों की खरीद फोरख्त हो सकती है। जिनको एक यूनिट माना जाएगा। यहां यूनिट से मतलब एक किचन व बाथरूम से है। यही स्थिति भूखंडों पर भी लागू होगी। यदि 50 वर्गमीटर का एक भूखंड है, तो उसके खंड नहीं किए जा सकेंगे। यदि ऐसा किया जाता है तो नियमों के खिलाफ होगा।

आशियाने के लिए फ्लोर वार फ्लैट का रुख करेंगे लोग 

इन दिनों लोग निजी बिल्डरों की मनमानी से इस कदर परेशान हैं कि  उनका इनसे मोहभंग हो चुका है। यही वजह है कि रियल सेक्टर क्षेत्र में कई सालों से मंदी है। फ्लोर वार रजिस्ट्री की स्थिति में लोग अपना आशियाने का सपना पूरा करने के लिए यहां पर रुख करेंगे। 

बिगड़ जाएगा इंफ्रास्ट्रक्चर

फ्लोर वार रजिस्ट्री यदि खुल जाती है तो इससे शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर बिगड़ सकता है। ऐसे में शहर में वाहनों की संख्या में इजाफा होगा। लोगों की संख्या बढ़ेगी, जबकि यहा का इंफ्रास्ट्रचर मास्टर प्लान-2031 के अनुसार बनाया गया है। इसमें सीवर पानी की सड़क व पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यही नहीं मौजूदा घनत्व के हिसाब से भी जनसंख्या बढ़ेगी, जिससे शहर की स्थिति डामाडोल हो सकती है। फिलहाल प्राधिकरण के पास अभी विकल्प नहीं है। 

पार्किंग बनेगी बड़ी समस्या
शहरों में पार्किंग बड़ी समस्या बनती जी रही है। फ्लोर वार रजिस्ट्री की स्थिति में जहां एक या दो गाड़ियां सड़कों पर खड़ी होती थीं, वहां पर चार से अधिक गाड़ियां खड़ी होंगी। इससे वाद-विवाद की समस्या भी पैदा होगी। नोएडा से सटे दिल्ली में पार्किंग के विवाद में मारपीट की घटनाएं आम हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली में तो पार्किंग विवाद में कई हत्याएं तक हो चुकी हैं। 

सड़कों पर लगेगा भीषण जाम
सेक्टरों में आज जहां खुली रोड है, वहां पर आबादी सघन होने पर गाड़ियां भी बढ़ेंगी। ऐसी स्थिति में सड़कों पर जाम भी खूब लगा करेगा। नोएडा अभी से जाम के लिए बदनाम होने लगा है। फ्लोर वार रजिस्ट्री के बाद सड़कों पर जाम दिल्ली की तरह ही लगा करेगा। कुलमिलाकर यह फैसला एक तरफ लाखों लोगों को घर देगा तो आने वाले कुछ सालों में ट्रैफिक जाम, पार्किंग जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा करेगा। 

दिल्ली-एनसीआर से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।