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North-East Delhi Lok Sabha Seat: इस सीट से पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने लड़ा आखिरी चुनाव, 10 विधानसभाओं से मिलकर है बना

North-East Delhi Lok Sabha Chunav 2024 updates उत्तर-पूर्वी लोकसभा सीट दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक है यह सीट 2008 में हुए लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन में सामने आई थी। इस सीट को दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था इस क्षेत्र में बहुत घनी आबादी है। इसकी दो विधानसभा सीटें सीलमपुर और मुस्तफाबाद मुस्लिम बाहुल हैं।

By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Sat, 09 Mar 2024 06:31 PM (IST)
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शीला दीक्षित ने यहां से लड़ा था अपना आखिरी चुनाव। जागरण क्रिएटिव
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। North East Delhi Lok Sabha Election 2024 latest news: उत्तर-पूर्वी लोकसभा सीट दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक है, यह सीट 2008 में हुए लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन में सामने आई थी।

इस सीट को दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था, इस क्षेत्र में बहुत घनी आबादी है। इसकी दो विधानसभा सीटें सीलमपुर और मुस्तफाबाद मुस्लिम बाहुल हैं, जबकि अन्य दो सीटों बाबरपुर व करावलनगर में भी मुस्लिम निर्णायक भूमिका में हैं।

इस सीट पर पहली बार 2009 में 14वीं लोकसभा के चुनाव के समय चुनाव हुए थे। शीला दीक्षित 2019 में इसी क्षेत्र से अपना अंतिम लोकसभा चुनाव लड़ी थीं।

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आखिरी चुनाव में हार गईं थीं चुनाव

हालांकि, वह चुनाव जीत नहीं सकी थीं, मगर इलाके की जनता से भरपूर प्यार मिला था। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उत्तर पूर्वी दिल्ली की लोकसभा सीट पर भाजपा व कांग्रेस द्वारा किसे मौका दिया जाएगा, इसको लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं।

शीला दीक्षित इसी क्षेत्र से अपना अंतिम लोकसभा चुनाव लड़ी थीं, इस सीट के साथ मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का जिक्र इसलिए भी जरूरी बन जाता है कि क्योंकि शीला दीक्षित इसी क्षेत्र को अपनी सीट मानती थीं।

यहां के सीलमपुर, मुस्तफाबाद के साथ-साथ बाबरपुर, करावल नगर, घोंडा आदि में उनकी अच्छी पकड़ थी। मोदी लहर में वह चुनाव जीत नहीं पाई थीं, मगर उस वक्त मुख्य मुकाबला केंद्र की सत्ता में काबिज कांग्रेस और भाजपा में हुआ था।

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दिल्ली विश्वविद्यालय भी इसी सीट में आता है

इस सीट की बात करें तो देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल दिल्ली विश्वविद्यालय भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है। साथ ही सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए प्रसिद्ध कोचिंग हब मुखर्जी नगर भी इसी संसदीय सीट का हिस्सा है।

उत्तरी पूर्वी दिल्ली सीट बनने के बाद अब तक हुए यहां तीन लोकसभा चुनावों में एक बार कांग्रेस और दो बार भाजपा को जीत मिली है।

2014 के लोकसभा चुनाव में यहां आप दूसरे नंबर पर थी, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी।

उत्तर-पूर्वी लोकसभा क्षेत्र में जो 10 विधानसभा सीटें आती हैं। उनमें बुराड़ी, रोहताश नगर, बाबरपुर, तिमारपुर, सीलमपुर, गोकलपुर, सीमापुरी, घोंडा, मुस्तफाबाद और करावल नगर हैं। इनमें से तीन सीट करावल नगर, घोंडा व रोहताश नगर भाजपा के पास हैं। जबकि बाकी सात सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है।

लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव के संभावित प्रत्याशी

आप और कांग्रेस के गठबंधन में यह सीट कांग्रेस को मिली है। इस सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के चुनाव लड़ने की बात की जा रही है।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद मनोज तिवारी का फिर टिकट दिया है। 2020 फरवरी में विधानसभा चुनाव के बाद 10 दिन बाद ही इस इलाके में सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों में झड़प हुई थी।

दंगे में मारे गए थे 53 लोग

दंगे हो गए थे, दंगे में 53 लोग मारे गए थे और करीब 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। साथ ही करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था। तीन दिन तक चले दंगे में पुलिस ने 700 से ज्यादा एफआइआर दर्ज कर, दो हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था।

2019 में मनोज तिवारी ने बंपर जीत दर्ज की

2019 लोस चुनाव परिणाम 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी ने बंपर जीत दर्ज की थी।उन्हें इस चुनाव में साल 2014 से भी अधिक वोट मिले थे। तब उन्होंने शीला दीक्षित को चार लाख 66 हजार से भी अधिक वोटों से हराया था। आप प्रत्याशी दिलीप पांडेय को एक लाख 90 हजार वोटों से संतोष करना पड़ा था।

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