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दिल्ली नहीं, यह रहा देश का सबसे प्रदूषित शहर, NCR का यह इलाका Top-3 में है शामिल

थिंक टैंक सेंटर फार रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में मेघालय का बर्नीहाट शीर्ष पर है। इसके बाद बिहार का बेगूसराय और उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली इस सूची में आठवें स्थान पर है।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu SumanUpdated: Wed, 10 Jan 2024 09:37 PM (IST)
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2023 में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में मेघालय का बर्नीहाट शीर्ष पर है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में मेघालय का बर्नीहाट शीर्ष पर है। इसके बाद बिहार का बेगूसराय और उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा है।

थिंक टैंक सेंटर फार रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली, जोकि सर्दियों के दौरान लगातार उच्च वायु प्रदूषण स्तर के लिए जाना जाता है, इस सूची में आठवें स्थान पर है। सीआरईए में दक्षिण एशिया के विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा कि 2023 में 75 प्रतिशत से अधिक दिनों के लिए उपलब्ध वायु गुणवत्ता डेटा वाले 227 शहरों का अध्ययन किया गया।

इन शहरों में से 85 को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत शामिल किया गया था। आंकड़ों से पता चला कि 85 एनसीएपी शहरों में से 78 में पीएम10 का स्तर एनएएक्यूएस (60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से अधिक था।

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प्रदूषण कम करने के लिए नया लक्ष्य

2019 में शुरू किए गए एनसीएपी का लक्ष्य उन 131 शहरों में 2024 तक पीएम 2.5 और पीएम10 सांद्रता में 20-30 प्रतिशत की कमी करना है, जो 2011 से 2015 तक निर्धारित वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते थे।

सरकार ने अब 2026 तक इन शहरों में पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता में 40 प्रतिशत की कमी लाने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है। दहिया ने कहा, 'एनसीएपी कार्यान्वयन के पांच साल बाद, 131 गैर-प्राप्ति शहरों में से केवल 44 शहरों ने स्रोत विभाजन अध्ययन का निष्कर्ष निकाला है।'

सरकारी धन का हो रहा दुरुपयोग

उन्होंने कहा, 'इन अध्ययनों की अनुपस्थिति के कारण, एनसीएपी के तहत आवंटित धन का 64 प्रतिशत केवल धूल शमन और स्मॉ़ग गन जैसे अप्रभावी समाधानों के लिए उपयोग किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक धन का अकुशल उपयोग हुआ है।'

सीआरईए रिपोर्ट से पता चला कि केवल 37 एनसीएपी-कवर शहरों ने कार्यक्रम द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य से नीचे पीएम10 का स्तर हासिल किया। दिलचस्प बात यह है कि 2023 में, 118 शहर जो अभी तक एनसीएपी का हिस्सा नहीं हैं, उन्होंने पीएम10 के लिए राष्ट्रीय वायु परिवेश गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन किया।

बर्नीहाट में PM10 की सांद्रता अधिक रही

दहिया ने जोर देकर कहा, 'यह इंगित करता है कि एनसीएपी में शामिल नहीं किए गए शहर आवश्यक रूप से स्वच्छ नहीं हैं।' भारत के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से केवल सात ही वर्तमान में एनसीएपी के अंतर्गत हैं। एनसीएपी के अंतर्गत आने वाले बर्नीहाट ने 2023 में उच्चतम वार्षिक औसत पीएम10 सांद्रता 301 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की, जबकि असम के सिलचर ने 29 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर सबसे कम पीएम10 स्तर दर्ज किया।

बिहार के 18 जिले शीर्ष 50 में शामिल

बिहार में बेगूसराय (औसत वार्षिक पीएम 10 स्तर 265 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा (228 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) ने सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में 18 बिहार के, आठ हरियाणा के और आठ राजस्थान के हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में पीएम10 की सांद्रता भारतीय मानकों की तुलना में तीन से पांच गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा से 13-20 गुना अधिक थी।

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