Delhi Weather: दिल्ली-NCR में ग्लोबल ही नहीं, लोकल वार्मिंग भी बढ़ा रही गर्मी; सामने आई ये वजह
दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी पड़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसमी कारकों के अलावा कई अन्य कारण भी लोगों के लिए गर्मी असहनीय बना रहे हैं। राजधानी में बढ़ता शहरीकरण घटता सघन वन क्षेत्र वाहनों का धुआं व ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन है। इसके अलावा दिल्ली में गर्मी बढ़ने की बड़ी वजह अरावली का उजड़ना भी है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। साल दर साल बढ़ती गर्मी इस साल असहनीय हो गई है। 13 मई के बाद दिल्ली का अधिकतम तापमान 40 डिग्री से नीचे नहीं आया है, तो रात में भी लू जैसे हालात बने हैं। मई में पांच और जून में छह दिन लू चल चुकी है। चिलचिलाती गर्मी और उमस ने भी त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न कर रखी है।
हर जुबान पर यही शिकायत है, इस साल तो ‘रिकॉर्ड’ गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग की मानें तो इस स्थिति के पीछे पश्चिमी विक्षोभ का अभाव, वर्षा न होना एवं अल नीनो प्रभाव है। इसके अतिरिक्त इसे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के असर से भी जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों से बात करने पर कई और वजह भी सामने आ रही हैं।
आइआइटी दिल्ली के वायुमंडलीय विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. मंजू मोहन कहती हैं कि बढ़ती गर्मी के लिए ग्लोबल ही नहीं, लोकल वार्मिंग भी बड़ा कारण है। दिल्ली के संदर्भ में ही बात करें तो बढ़ता शहरीकरण, घटता सघन वन क्षेत्र, वाहनों का धुआं व ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन है। वातावरण में नमी, लैंडफिल साइटों पर उत्पन्न हो रही मीथेन गैस और खुले में कचरा जलाना भी गर्मी बढ़ा रहा है।
गर्मी को लगातार बढ़ा रही पश्चिमी हवाएं
आइआइटीएम पुणे के जलवायु विज्ञानी राक्सी मैथ्यू काल बताते हैं कि ऊंची इमारतों के चलते रात को भी गर्मी कम नहीं हो रही है। जलाशय सूख रहे हैं। पश्चिमी हवाएं भी गर्मी को लगातार बढ़ा रही हैं। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी चरण सिंह बताते हैं कि दिल्ली के कई इलाके राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं के प्रति संवेदनशील हैं।ये इलाके हैं मुंगेशपुर, नरेला, जाफरपुर और नजफगढ़। राजस्थान और हरियाणा की सीमा से सटे होने के कारण पश्चिमी हवा सबसे पहले इन्हीं इलाकों से टकराती है। कृषि योग्य जमीन पर भी आबादी की बसावट के लिए बनाए जा रहे घर कंक्रीट के जंगल को और बढ़ावा दे रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।अवैध खनन से गायब हो गए अरावली के 30 पहाड़
गुरुग्राम में पर्यावरणविद् व सेवानिवृत्त वन संरक्षक डॉ. आरपी बालवान का कहना है कि अवैध खनन की वजह से हरियाणा एवं राजस्थान में अरावली पर्वत शृंखला के 30 पहाड़ गायब हो चुके हैं। ये सिलसिला जारी है। इस पर रोक नहीं लगी तो राजस्थान की ओर से आने वाली गर्म हवा रोकना तो दूर, आने वाले समय में रेगिस्तान दिल्ली तक पहुंच जाएगा। दिल्ली व आसपास के इलाकों में पश्चिम से आने वाली गर्म हवाएं व धूल भरी आंधी अधिक चलने के पीछे मुख्य वजह अरावली पहाड़ी क्षेत्र का दायरा दिन-प्रतिदिन कम होना है। अवैध खनन की वजह से अरावली में जगह-जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर के लिए अरावली जीवनदायिनी है, लेकिन शासन-प्रशासन इस बात को समझने को तैयार नहीं। भयावह समय आने का आभास हो रहा है।इसलिए भी बढ़ रही क्षेत्र में गर्मी
- दिल्ली में गर्मी बढ़ने की बड़ी वजह अरावली का उजड़ना और हरित क्षेत्र का कम होना भी है।
- पश्चिम से रेगिस्तान से आने वाली धूल भरी गर्म हवाएं भी दिल्ली का तापमान बढ़ाती हैं।
- अरावली में अवैध खनन के कारण भी परेशानी बढ़ी है।