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Delhi Metro : 50 फीसद कम खर्च में होगा मेट्रो लाइट कॉरिडोर का निर्माण, जानिए- खूबियां

Delhi Metro डीएमआरसी ने रिठाला-नरेला मेट्रो लाइट कॉरिडोर की डीपीआर तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि इस डीपीआर को मेट्रो बोर्ड में मंजूरी भी मिल चुकी है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 16 Nov 2019 03:03 PM (IST)
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Delhi Metro : 50 फीसद कम खर्च में होगा मेट्रो लाइट कॉरिडोर का निर्माण, जानिए- खूबियां
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Metro: रिठाला से नरेला के बीच मेट्रो लाइट कॉरिडोर के निर्माण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर उसे मंजूरी के लिए दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार के पास फाइल भेज दी है। खास बात यह है कि पूर्व में बनाए गए मेट्रो कॉरिडोर की तुलना में इस मेट्रो लाइट कॉरिडोर के निर्माण पर 50 फीसद खर्च कम आएगा।

यहां पर बता दें कि मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के दौरान एलिवेटेड व भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण के कारण खर्च अधिक आता है। इसके मद्देनजर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार (Union Urban Development Ministry, Government of India) ने दो रूटों पर मेट्रो लाइट कॉरिडोर का निर्माण करने का निर्देश दिया है। इसमें रिठाला- नरेला व कीर्ति नगर-द्वारका सेक्टर 21 कॉरिडोर शामिल है। हालांकि, कीर्ति नगर से द्वारका सेक्टर 21 के बीच प्रस्तावित कॉरिडोर फेज चार का हिस्सा नहीं है।

मंत्रालय की इस पहल के बाद डीएमआरसी ने रिठाला-नरेला मेट्रो लाइट कॉरिडोर की डीपीआर तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि इस डीपीआर को मेट्रो बोर्ड में मंजूरी भी मिल चुकी है।

वहीं, दिल्ली सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है। इसके बाद फाइल केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी। यदि कोई अड़चन नहीं आई तो यह दिल्ली का पहला मेट्रो लाइट कॉरिडोर होगा।

DMRC से जुड़े अधिकारियो की मानें तो पूर्व में बनी इस तरह की मेट्रो लाइन बिछाने का खर्च 50 फीसदी तक कम आने की उम्मीद है। 19 किमी का कॉरिडोर बनाने में करीब 3,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, परिचालन लागत भी करीब एक तिहाई होगी।

कॉरिडोर की होगी यह खासियत

  • रिठाला से नरेला के बीच मेट्रो लाइट कॉरिडोर की लंबाई 21.7 किलोमीटर होगी।
  • मेट्रो लाइन का निर्माण सामान्य तौर पर भूमिगत या जमीन के ऊपर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाकर किया जाता है, जबकि मेट्रो लाइट कॉरिडोर पूरी तरह जमीन पर बनाया जाएगा।
  • यही वजह है कि इसके निर्माण में 50 फीसद तक कम खर्च आएगा।
  • मेट्रो लाइट में तीन कोच की मेट्रो चलेगी।
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