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अब प्रदूषण को काबू में करेगा दिल्ली सरकार का ड्रोन, 13 हॉटस्पॉट में होगी तैनाती; जानें कैसे करेगा काम?

दिल्ली सरकार हॉटस्पॉट क्षेत्रों में धूल प्रदूषण से निपटने के साथ-साथ प्रमुख प्रदूषकों पर रियल टाइम डेटा इकट्ठा करने के लिए स्प्रे करने वाले तीन ड्रोन किराए पर लेने जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि इससे धूल कणों को व्यवस्थित करने पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की सांद्रता को कम करने सार्वजनिक स्वास्थ्य व पर्यावरण पर प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 07 Nov 2024 10:25 PM (IST)
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अब प्रदूषण को काबू में करेगा दिल्ली सरकार का ड्रोन।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार हॉटस्पॉट क्षेत्रों में धूल प्रदूषण से निपटने के साथ-साथ प्रमुख प्रदूषकों पर रियल टाइम डेटा इकट्ठा करने के लिए स्प्रे करने वाले तीन ड्रोन किराए पर लेने जा रही है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोनों को पानी का छिड़काव करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 13 चिह्नित हॉटस्पॉट पर तैनात किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि इससे धूल कणों को व्यवस्थित करने, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की सांद्रता को कम करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य व पर्यावरण पर प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।

वेंडर को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू

पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "हॉटस्पॉट इलाकों में 15 दिनों के परीक्षण के रूप में तीन ड्रोनों को संचालित करने के लिए एक वेंडर को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।"

ड्रोन न्यूनतम 17-लीटर टैंक से लैस होंगे

ड्रोन न्यूनतम 17-लीटर टैंक से लैस होंगे और 15 मिनट के भीतर एक एकड़ को कवर करने में सक्षम होंगे। ये सटीक डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग के लिए रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम और उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरों से भी जुड़े रहेंगे।

रियल टाइम मॉनिटरिंग करेगा ड्रोन

अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन अधिकांश प्रदूषित क्षेत्रों में पानी के छिडकाव के लिए व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के साथ-साथ रियल टाइम मॉनिटरिंग और इसे केंद्रीय प्रणाली में भेजने के लिए पर्यावरण सेंसर के साथ एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए पूर्व-प्रोग्राम किए गए मार्गों का पालन करेंगे।

ड्रोन पर लगाई गई वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली तापमान, आर्द्रता, दबाव, ओजोन, नाइट्रस ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, पीएम10 और पीएम2.5 सहित अन्य मापदंडों को मापने में सक्षम होगी।

रियल टाइम डाटा को ग्रीन वार रूम को भेजेगा ड्रोन

ड्रोन द्वारा एकत्र किए गए रियल टाइम डेटा और इमेज को मूल्यांकन के लिए पर्यावरण विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की वायु प्रयोगशाला और ग्रीन वार रूम को ऑनलाइन प्रेषित किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि पायलट अध्ययन की योजना 15 दिनों के लिए बनाई गई है, लेकिन परीक्षण संतोषजनक होने पर अवधि और ड्रोन की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

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