दिल्ली में अब अपनी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराना होगा आसान, उपराज्यपाल की कोशिशों का दिखा असर
Property Registration अगर आर दिल्ली के निवासी हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल अब संपत्ति का पंजीकरण करवाना आसान हो गया है। राजधानी के सभी 22 सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया गया है। अभी तक 2.31 लाख से ज्यादा संपत्तियां रजिस्टर हो चुकी हैं। एलजी वीके सक्सेना के प्रयास से यह व्यवस्था लागू हुई है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के सभी 22 सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में नेशनल जेनेरिक डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) के लागू कर दिया गया है, जिससे दिल्ली में संपत्तियों का पंजीकरण और इससे जुड़ी दूसरी सेवाएं अब पहले से कहीं अधिक आसान तेज और अधिक पारदर्शी हो जाएंगी।
पहले से ही 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू
एनजीडीआरएस तकनीक (NGDRS) के लागू होने से व्यापार में आसानी व नागरिक सेवाओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यह शहरी प्रशासन के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगी। यह तकनीक पहले से ही 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है, लेकिन दिल्ली इस मामले में पिछड़ी हुई थी। धीरे-धीरे यह प्रणाली राष्ट्रीय राजधानी में संपत्तियों के फेसलेस रजिस्ट्रेशन का मार्ग प्रशस्त करेगी।
राजनिवास ने कहा है कि एलजी वीके सक्सेना (LG VK Saxena) के लगातार प्रयासों और निगरानी में इसे दिल्ली में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। पिछले वर्ष दो सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। एकीकृत प्रौद्योगिकी की इस पहल से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, पारदर्शिता बढ़ाने, प्रोसेसिंग टाइम को कम करने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी।
अभी तक 2.31 लाख से अधिक संपत्तियां रजिस्टर्ड
शुक्रवार को एनजीडीआरएस की समीक्षा के दौरान उपराज्यपाल को बताया गया कि यह प्रणाली सभी 22 सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में लागू कर दी गई है और अब तक 2.31 लाख से अधिक संपत्तियां इसके तहत रजिस्टर्ड की गई हैं। सक्सेना ने जनवरी 2025 तक दिल्ली (Delhi News) में सभी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन इसके तहत पूरा करने का निर्देश दिया है।इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्बाध, पारदर्शी और सिटीजन फ्रेंडली सर्विस के लिए डीडीए, एमसीडी और डीएसआइआइडीसी जैसी विभिन्न एजेंसियों को अपनी प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन संबंधी मामलों को एनजीडीआरएस के साथ एकीकृत करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा लांच किया गया एनजीडीआरएस वन नेशन, वन साफ्टवेयर की अवधारणा पर आधारित है, जो मुख्य रूप से प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ दस्तावेज पंजीकरण की आवश्यकताओं को पूरा करता है।एनजीडीआरएस अपाइंटमेंट, मूल्यांकन, शुल्क गणना, भुगतान, दस्तावेज डेटा एंट्री, प्रस्तुतिकरण और रजिस्ट्रेशन के लिए एक आनलाइन इंटीग्रेटेड पोर्टल है।यह नागरिकों को संपत्ति मूल्यांकन मॉड्यूल के माध्यम से स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य लागू शुल्क की गणना करने की सुविधा देता है। नागरिक सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में दस्तावेज पंजीकरण के लिए पूर्व अपाइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं।
इसके साथ कोई भी संपत्ति खरीदार संपत्ति के वास्तविक स्वामित्व की जांच और प्रमाणित करने में भी सक्षम होगा जिससे धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी। उपराज्यपाल ने डीडीए को निर्देश दिया है कि वह डीडीए की प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी की संभावनाओं को दूर करने के लिए अपने आवास आवंटन और लीज डीड सिस्टम को इसके साथ एकीकृत करे।
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