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दिल्ली सरकार ने स्‍कूली बच्‍चों के लिए लिया बड़ा फैसला, मिड डे मील के लिए मिलेगा सूखा राशन किट

निदेशालय के मुताबिक जितने दिन स्कूल खुले होंगे उसके हिसाब से छात्रों को यह किट दी जाएगी। वहीं निदेशालय ने किट में प्रति छात्र को प्रतिदिन के हिसाब से कितना राशन देना है इसकी भी सूची तैयार की है। इस सूची के आधार पर ही हर किट तैयार की जाएगी।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 07:44 AM (IST)
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किट में गेहूं, चावल, दाल और तेल वितरित किया जाएगा।
नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब मिड-डे मील में सूखे राशन की किट दी जाएगी। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय की मिड डे मील शाखा ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। परिपत्र में मिड डे मील शाखा के वरिष्ठ अधिकारी ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि वह प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर जुलाई से दिसंबर 2020 तक के मिड डे मील की व्यवस्था सूखे राशन किट के रूप में उपलब्ध कराएं। वहीं, किट में गेहूं, चावल, दाल और तेल वितरित किया जाएगा।

निदेशालय के मुताबिक जितने दिन स्कूल खुले होंगे उसके हिसाब से छात्रों को यह किट दी जाएगी। वहीं, निदेशालय ने किट में प्रति छात्र को प्रतिदिन के हिसाब से कितना राशन देना है इसकी भी सूची तैयार की है। इस सूची के आधार पर ही हर छात्र के लिए किट तैयार की जाएगी। इसमें प्राथमिक कक्षा के छात्रों को प्रतिदिन के हिसाब से 100 ग्राम गेहूं या चावल, 35 ग्राम दाल और 9.93 ग्राम तेल दिया जाएगा।

निदेशालय के मुताबिक जुलाई व अगस्त में कुल 48 दिन और सितंबर व अक्टूबर में कुल 45 दिन स्कूल खुला है। वहीं, नवंबर व दिसंबर में कुल 46 दिन स्कूल खुलेगा। ऐसे में छात्रों को दो-दो माह के हिसाब से ही राशन दिया जाएगा। इसमें जुलाई व अगस्त में छात्रों को किट में चार किलो 800 ग्राम गेहूं या चावल, एक किलो 680 ग्राम दाल और 455 ग्राम तेल दिया जाना है।

इसी हिसाब से सितंबर व अक्टूबर में साढ़े चार किलो गेहूं या चावल, डेढ़ किलो दाल और 455 ग्राम तेल और नवंबर व दिसंबर में चार किलो 600 ग्राम गेहूं या चावल, एक किलो 655 ग्राम दाल और 455 ग्राम तेल दिया जाना है। वहीं, उच्च प्राथमिक कक्षाओं में प्रति छात्र को जुलाई से दिसंबर तक कुल 20 किलो 850 ग्राम गेहूं या चावल, सात किलो 713 ग्राम दाल और करीब पौने दो लीटर तेल दिया जाना है। वहीं, इस संबंध में निदेशालय ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि यह राशन बच्चों के अभिभावकों को गैर सरकारी संगठनों की मदद से बांटा जाएगा।

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