Nupur Sharma: नुपूर शर्मा के खिलाफ देशभर में दर्ज केसों की जांच करेगी दिल्ली पुलिस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
Nupur Sharma दिल्ली पुलिस की साइबर सेल उक्त मामलों की जांच कर सकती है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से आदेश की प्रति मिलने के बाद पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के नेतृत्व में आला अधिकारियों की बैठक में उक्त मसले पर निर्णय लिया जाएगा।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2022 06:49 PM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Nupur Sharma Case: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर 27 मई को एक निजी न्यूज चैनल पर डिबेट(Debate) के दौरान दो धर्मों के बारे में घृणित बयानबाजी के बाद इंटरनेट मीडिया पर मचे भारी बवाल के बाद भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma)के खिलाफ देशभर में हुई प्राथमिकी मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ही करेगी।
हाल के महीने में कई राज्यों में इस मसले को लेकर विचलित करने वाली हिंसक घटनाएं सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने नुपुर की जान का खतरा मानते हुए दिल्ली पुलिस को सभी मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell)उक्त मामलों की जांच कर सकती है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से आदेश की प्रति मिलने के बाद पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा(Delhi Police CP Sanjay Arora) के नेतृत्व में आला अधिकारियों की बैठक में उक्त मसले पर निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।
इस यूनिट में प्रशिक्षित अधिकारियों की बड़ी टीम है जो विभिन्न राज्यों में जाकर वहां नुपुर के खिलाफ हुई प्राथमिकी की बेहतर जांच कर सकती है। नुपुर के खिलाफ अधिकतर प्राथमिकी कांग्रेस शासित राज्यों के अलावा महाराष्ट्र आदि में हुई है। नुपुर को जांच में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस उन्हें समन भी भेज रही है। वारंट भी निकाल चुकी है।
नुपुर को हर जगह जांच में शामिल होने जाना संभव नहीं था। उनकी जान का खतरा हो सकता था। ऐसे में जांच को एक जगह केंद्रीयकृत करने से बेहतर रहेगा। पुलिस ऐसे में निष्पक्ष जांच कर सकती है। हो सकता है उक्त मामले की जांच के लिए पुलिस आयुक्त कुछ वरिष्ट अधिकारियों के नेतृत्व में एसआइटी भी गठित करे। ऐसे अधिकारियों को एसआइटी में शामिल करें जिनकी छवि ठीक हो। एक दो दिन के अंदर इस पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।
नुपुर प्रकरण को लेकर जब इंटरनेट मीडिया पर नेताओं व अन्य ने भड़काऊ पोस्ट डाल देश में अशांति फैलाने का काम शुरू कर दिया जब आठ जून को साइबर सेल ने एआइएमआइएम के अध्यक्ष व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी व भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा समेत 32 लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी की थी। एक प्राथमिकी नुपुर व दूसरी प्राथमिकी ओवैसी समेत 31 अन्य के खिलाफ हुई थी।
इंटरनेट मीडिया की मानीटरिंग के दौरान सैकड़ों भड़काऊ पोस्ट पर नजर पड़ने पर साइबर सेल ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। प्राथमिकी के बाद दिल्ली पुलिस ने विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब आदि को जानकारी साझा करने के लिए नोटिस जारी किया था। ओवैसी लगातार तीखी बयानबाजी कर रहे थे।
वह इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर भड़काऊ पोस्ट डालकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए ओवैसी के साथ जिन अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें यति नरसिंहानंद, स्वामी जितेंद्रनंद, लक्ष्मण दास, सादाब चौहान, सबा नकवी, हफिजुल हसन अंसारी, बिहारी लाल यादव, इलियास सरफुदीन, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, आर विक्रमण, नगमा शेख, डा मोहम्मद करीम तुर्क, अतितुर रहमान खान, शुजा अहमद, विनीता शर्मा, इम्तियाज अहमद, कुमार दिवशंकर, दानिश कुरैशी, अनिल कुमार मीणा, काशिफ, मुहम्मद शाजिद शाहीन, कु सेनसई, गुलजार अंसारी, सैफ एड दिन कुतुज, मौलाना सरफराज, पूजा शाकुन पांडेय, मीनाक्षी चौधरी, मसूद फयाज हासमी शामिल हैं। नुपुर शर्मा समेत कई अन्य से साइबर सेल पूछताछ भी कर चुकी है।
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