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दिल्ली हुई फिर शर्मसार: बच्ची के यौन शोषण पर खड़े हुए सवाल, स्कूल बस में सुरक्षा को लेकर क्या हैं नियम?

दिल्ली में एक स्कूल बस के अंदर ड्राइवर कंडक्टर और एक स्कूल अटेंडेंट द्वारा चार साल की बच्ची से कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया है। यह घटना उस समय हुई जब बस छात्रा को उसके प्ले स्कूल से घर ले जा रही थी। बच्ची के माता-पिता ने आरोपियों के खिलाफ आनंद विहार थाना पुलिस को शिकायत दी है।

By SHUZAUDDIN SHUZAUDDIN Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 14 Nov 2024 07:39 AM (IST)
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स्कूल बस में चालक समेत तीन लोगों ने नर्सरी की छात्रा का यौन शोषण किया। फोटो- जागरण ग्राफिक्स
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से फिर एक शर्मनाक घटना सामने आई है। ताजा मामले में आनंद विहार थाना क्षेत्र के निजी स्कूल की चलती बस में नर्सरी कक्षा की छात्रा के साथ यौन शोषण की वारदात हुई है। इस घटना से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में रोष है।

बस में नहीं थी महिला शिक्षिका व सहायक

आरोप है कि जिस वक्त बच्ची के साथ वारदात हुई उसमें कोई महिला शिक्षिका व सहायक नहीं थी, जबकि सीबीएसई का नियम है वाहन में स्कूल से एक महिला का होना अनिवार्य है।

अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बस में महिला शिक्षिका व सहायक नहीं होती है। इस मामले में स्कूल प्रबंधन को फोन व मैसेज किए गए गए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

बस में अकेली क्यों थी बच्ची?

इस वारदात से गुस्साए अभिभावकों ने स्कूल के बाहर हंगामा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिरकार स्कूल की बस में कोई महिला शिक्षिका व सहायिका क्यों नहीं थी। स्कूल खुद नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है।

सीबीएसई भी सिर्फ कानून बनाता है, अधिकारी जमीन पर उतरकर जांच नहीं करते की नियम सही से लागू हो रहे हैं या नहीं। एक छोटी सी बच्ची बस में अकेली थी, उस रूट पर उसका आखिरी स्टॉप था। इस बीच चालक, परिचालक और सहायक ने उसका यौन शोषण किया।

क्या हैं स्कूल बस के नियम?

  1. बस के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
  2. महिला शिक्षिका या महिला सहायिका में से किसी एक का होना अनिवार्य है। बस से सब बच्चों के उतरने तक यह बस को छोड़कर नहीं जा सकती।
  3. किराये की बस है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए।
  4. बस पर स्कूल का फोन नंबर व नाम लिखा होना चाहिए।
  5. बस में जीपीएस अनिवार्य होना चाहिए।
  6. निर्धारित स्थल बस पहुंचने पर परिवार का कोई सदस्य बच्चे को लेने नहीं आता है तो चालक बच्चे को वापस स्कूल लाएगा।

स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की उठी मांग

आरोप है कि इस वारदात के लिए जितने यह तीनों जिम्मेदार है, उतना ही स्कूल प्रबंधन भी जिम्मेदार है। जिस वक्त स्कूल से बस जा रही थी, प्रबंधन में से किसी ने बस में देखा ही नहीं कोई शिक्षिका है या नहीं। पुलिस से मांग कि स्कूल पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं पुलिस का कहना है पता लगाया जा रहा है बस स्कूल की है या किसी एजेंसी से ली हुई है।

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