Odd-Even: महिलाओं को मिलेगी छूट, प्राइवेट सीएनजी कारों को AAP सरकार ने दिया झटका
ODD Even Scheme ऑड-इवेन में किसे छूट मिले? इस पर दिल्ली सरकार द्वारा मांगी गई राय पर परिवहन विभाग ने रिपोर्ट बनाई थी इसमें सीएनजी कारों को छूट नहीं दिए जाने की वकालत की गई थी।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:43 PM (IST)
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। ODD Even Scheme: अगले महीने 4-15 नंबर तक दिल्ली में लागू होने जा रही ऑड-इवेन के पहले दिल्ली-NCR (National Capital Region) के लाखों सीएनजी वाहन चालकों के लिए बुरी खबर है। शनिवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण और ऑड इवेन पर बात की।
दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक लागू होने वाले ऑड-इवेन स्कीम में इस बार महिलाओं को छूट दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है। हालांकि इस बार निजी सीएनजी वाहनों को छूट नहीं देने का भी निर्णय लिया गया है। पिछली बार छूट के दौरान सीएनजी वाहन स्टीकर के बड़े पैमाने पर दुरूपयोग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दोपहिया वाहन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, आँड इवन उनपर लागू होने की संभावना से सीएम ने इन्कार किया है।
ऑड ईवन के दौरान दो हजार बसों का इंतजाम
ऑड ईवन के दौरान लोगों को परेशानी से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने 2 हजार बसों का इंतजाम किया है। अधिकारियों ने इसके लिए निजी बस चालकोें से संपर्क कर लिया है।उबर के अधिकारियों को सख्त निर्देश, अतिरिक्त शुल्क वसूली पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑड इवन के दौरान एप आधारित टैक्सी संचालकों की मनमानी की शिकायत आती है। इस बार ऐसा नहीं होगा। इसके लिए उबर के अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। उन्हें बता दिया गया है कि किसी भी कीमत पर डेढ गुना से ज्यादा कीमत की वसूली नहीं हो सकती है। साथ ही सर्च प्राइसिंग न करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि अन्य कंपनी के संचालकों के साथ भी बैठक कर यह निर्देश दे दिए जाएंगे।
दफ्तर टाइमिंग पर चल रही बात सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि ऑड इवन के दौरान सार्वजनिक वाहनों पर एक समय दबाव न बने इसके लिए दफ्तरों के समय बदलने पर विशेषज्ञों से बात चल रही है। जल्द ही इसे तय कर लिया जाएगा।
कार पूलिंग को बढ़ावा देने की अपीलसीएम ने कहा कि ऑड इवन के दौरान कार पुलिंग को बढ़ावा दें। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कार पुलिंग करें। इससे प्रदूषण भी कम होगा और रिश्ते भी ठीक होंगे।
जुर्माने पर जल्द होगा निर्णय सीएम ने कहा कि अब नया परिवहन नियम लागू हो गया है। इस कारण जुर्मांने को रिवाइज किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि हमारा मकसद जुर्माना लगाना नहीं है। पहले कोई ऑड इवन का पालन नहीं करता पाया गया तो उसे समझाया जाएगा और वापस कर दिया जाएगा।
पराली जलने से प्रदूषण होने के कारण ऑड इवन लागू करने का निर्णय
नवंबर में दिल्ली के आस-पास के राज्यों में पराली जलाई जाती है। इस वजह से दिल्ली गैस चैंबर बन जाता है। सीएम की ओर से एक व्यापक पराली और शीतकालीन कार्य योजना बनाई गई। इसी के तहत ऑड ईवन योजना की घोषणा की गई थी। ऑड ईवन योजना के तहत, सरकार सम विषम नंबर के वाहनों के उपयोग का दिन तय करती है। यह कदम उस अवधि में हवा में वाहनों के उत्सर्जन को सीमित करने के उद्देश्य से उठाया जाता है । दिल्ली वर्षों से पराली के कारण आने वाले धुएं का सामना कर रही है।
छूट के यह है नियम- जिस वाहन में अकेली महिला हो। - जिस वाहन में सिर्फ महिलाएं हो। - जिस वाहन में महिला के अलावा 12 वर्ष से कम उम्र के कोई भी बच्चे हों।पहले भी महिलाओं को मिली थी छूट महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से 2016 में भी छूट दी गई थी। दिल्ली में महिलाएं अपने वाहनों में ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं, इस कारण ऐसा किया गया था। इसके अतिरिक्त, महिला ड्राइवरों और स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ स्कूली वाहनों को छूट मिली थी। इस बार भी महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर छूट दी गई है।
पिछली बार दो पहिया को भी थी छूटपिछली बार सभी दोपहिया वाहनों को वैकल्पिक दिन बार से छूट दी गई थी। इस बार भी छूट की संभावना है। सरकार का मानना है कि शहर की बसों और मेट्रो रेल की मौजूदा क्षमता के साथ, सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों को ले जाना संभव नहीं था।दिल्ली में चलने वाले दोपहिया वाहनों की संख्या का नवीनतम अनुमान 70 लाख से अधिक है। अगर दो पहिया वाहनों को छूट नहीं दी जाती है तो इससे हर दिन सार्वजनिक परिवहन पर स्विच वाले 35 लाख से अधिक लोग होंगे। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क की वर्तमान क्षमता की समीक्षा करने और दो पहिया वाहनों को इस वर्ष छूट दिए जाने पर अंतिम निर्णय बाद में लेने की बात कही है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया था कि वह इस पर राय दे कि ऑड-इवेन के दौरान किसे छूट दी जाए। रिपोर्ट तीन दिन के अंदर देने के लिए कहा गया था। दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नवंबर के दौरान ऑड-इवेन लागू किया जाना है।यहां पर बता दें कि अब तक जितनी बार भी दिल्ली में ऑड-इवेन स्कीम को लागू किया गया, सीएनजी वाहनों को छूट मिलती रही है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि ये वाहन प्रदूषण नहीं फैलाते हैं। इतना ही नहीं, पिछले कई बार लागू हुए ऑड-इवेन के दौरान लोगों ने सीएनजी कारों में 'कार पूलिंग' को प्राथमिकता दी थी।
विरोध होना तयअगर परिवहन विभाग का फैसला दिल्ली सरकार अमल में लाई और ऑड-इवेन के दौरान सीएनजी वाहनों को रोका गया तो आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा भी बना सकती है। वजह यह है कि यह मुद्दा आम जनता से जुड़ा है। बता दें कि दिल्ली में ऑड-ईवेन के दौरान लोगों की निर्भरता दिल्ली मेट्रो और दिल्ली परिवहन निगम की बसों में बढ़ जाती थी, लेकिन दोनों की झमता सीमित है। ऐसे में सीएनजी वाहनों को भी ऑड-ईवन के दायरे में लाए जाने की स्थिति में दिल्ली की परिवहन व्यवस्था ही चरमरा जाएगी।
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