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Delhi News: दवाओं की कमी के लिए अधिकारी दोषी, दिल्ली सरकार ने LG को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की

एक आठ वर्षीय बच्चे को दिल्ली सरकार के दो अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने के एक मामले का हवाला देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अधिकारियों के खिलाफ जांच कराना और कार्रवाई का अधिकार सेवाएं विभाग के दायरे में आता है जो उपराज्यपाल के नियंत्रण में है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 04 Apr 2024 09:42 PM (IST)
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दिल्ली सरकार ने एलजी को चिट्ठी लिखकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाओं, कंज्यूमेबल व चिकित्सा संसाधनों की कमी का ठीकरा सरकार ने अधिकारियों पर फोड़ा है। हाथ में फ्रैक्चर से पीड़ित एक आठ वर्षीय बच्चे को दिल्ली सरकार के दो अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने के एक मामले का हवाला देते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

साथ ही स्वास्थ्य सचिव पर चिकित्सा संसाधनों की कमी से जुड़े विषय पर गलत जानकारी देकर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अधिकारियों के खिलाफ जांच कराना और कार्रवाई का अधिकार सेवाएं विभाग के दायरे में आता है, जो उपराज्यपाल के नियंत्रण में है। इसलिए उपराज्यपाल मामले की जांच कराएं।

पत्र लिखकर समस्या दूर करने का निर्देश दे चुके

पत्र में कहा गया है कि अस्पतालों में दवाओं व कंज्यूमेबल की कमी के मामले को लेकर वह दो बार दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर समस्या दूर करने का निर्देश दे चुके हैं। 18 मार्च को स्वास्थ्य सचिव ने सभी अस्पताल व डिस्पेंसरियों के प्रबंधन से ऑनलाइन मीटिंग करने और अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं व जरूरी संसाधन उपलब्ध होने की बात बताई।

जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो

स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी या तो अस्पतालों में दवाओं व कंज्यूमेबल की उपलब्धता की वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं हैं या फिर जानबूझकर समस्या को हल नहीं करना चाहते। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि अधिकारी अगर सरकार को गलत जानकारी देंगे तो समस्या और बढ़ती जाएगी। गरीब लोगों को दवा नहीं मिलेगी।

जा देने का अधिकार उपराज्यपाल के पास

इससे लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं और मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे अधिकारियों की जांच करवाने और सजा देने का अधिकार उपराज्यपाल के पास है। इसलिए उपराज्यपाल को लिखा है। उन्होंने उपराज्यपाल से एक निश्चित अवधि के भीतर अस्पतालों में दवाओं व कंज्यूमेबल की कमी के मामले की जांच कराने की सिफारिश की है।

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