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Delhi Coaching Center: 'छात्रों की मौत एक दैवीय घटना', बेसमेंट के सहमालिकों ने मांगी जमानत; कोर्ट का फैसला सुरक्षित

Rao IAS Study Circle Coaching Centre ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि पिछले महीने कोचिंग सेंटर में बारिश का पानी भरने से तीन छात्रों की डूबकर मौत हो गई थी।

By Ritika Mishra Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 17 Aug 2024 07:39 PM (IST)
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ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

राउज एवेन्यू कोर्ट की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपित रविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह के आवेदन पर 23 अगस्त के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।

छात्रों की मौत एक दैवीय घटना

सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता ने अपने मुवक्किलों के बचाव में दलील दी कि छात्रों की मौत एक दैवीय घटना थी, नगर निगम ने अगर अपने कर्तव्यों का पालन किया होता तो इसे टाला जा सकता था। अधिवक्ता ने दलील दी कि बेसमेंट में पहले पुस्तकालय नहीं था, बल्कि छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू होने से पहले वाला एक प्रतीक्षा क्षेत्र था।

बेसमेंट स्टोर रूम की तरह हो रहा था प्रयोग

अधिवक्ता ने दावा किया कि घटना से कुछ दिन पहले परिसर में अग्निशमन विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया था, जिसमें बताया गया था कि बेसमेंट का उपयोग भंडारण के उद्देश्य से किया जा रहा था और इमारत सुरक्षित थी व शैक्षणिक केंद्र चलाने के लिए उपयुक्त थी।

गिरफ्तारी से नहीं बच रहा था कोई

अधिवक्ता ने दलील दी कि गैर इरादतन हत्या की धारा लगाने के लिए, अपराध करने की मंशा के साथ-साथ ज्ञान भी होना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि यह स्थापित करने के लिए कि मौतें लापरवाही के कारण हुई हैं, उनके बीच सीधा संबंध होना चाहिए। अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल गिरफ्तारी से बच नहीं रहे थे, बल्कि घटना के बारे में पता चलने के बाद वे स्वेच्छा से पुलिस स्टेशन गए थे।

मेडिकल चिकित्सा पर मांगी जमानत

वहीं, सुनवाई के दौरान आरोपित सरबजीत सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता ने चिकित्सा आधार पर उनकी अंतरिम जमानत को लेकर आवेदन दाखिल किया। अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को स्टंट पड़ा है, जिसे हटाने की आवश्यकता है।

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इसके लिए उन्हें रोहतक रोड स्थित जीवन माला अस्पताल में दिन में भर्ती होना पड़ेगा। तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने जेल अधिकारियों को आरोपित को 19 अगस्त को अस्पताल ले जाने और इलाज के बाद फिर से आरोपित को जेल लाने का निर्देश दिया।

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