जानिए केजरीवाल के वो 12 बड़े दावे, जिसने खोली दिल्ली सरकार की पोल
हद तो तब हो गई जब जो कार्य सरकार अभी तक पूरे नहीं कर पाई है, केजरीवाल उन पर भी अपने समर्थकों से तालियों बजवा गए।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के तीन साल पूरे होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी उपलब्धियों गिनाने के लिए जो कार्यक्रम आयोजित किया, उसमें उन्होंने अपनी नाकामियों को भी उपलब्धियां में गिना दिया।
अपनी बात को सही सिद्ध करने के लिए कभी वह 15 साल पहले चले तो कभी आजादी के बाद की बात करते दिखे। मुख्यमंत्री की चतुराई देखिए, अपने घोषणा पत्र का इस आयोजन में उन्होंने जिक्र तक नहीें किया। हद तो तब हो गई जब जो कार्य सरकार अभी तक पूरे नहीं कर पाई है, केजरीवाल उन पर भी अपने समर्थकों से तालियों बजवा गए।
वर्ष 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी आप ने बुधवार को तीन साल पूरे किए। इस मौके पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने क्या क्या दावा किया और क्या है हकीकत। डालते हैं एक नजर।
1- दावा : सिर्फ तीन साल में किया 70 साल वाला काम
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य में अभूतपूर्व कार्य किया है। अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जो 70 साल में काम हुए, उतना उनकी सरकार ने सिर्फ 3 साल के कार्यकाल में कर दिखाया। हकीकत-केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार सहित विभिन्न आरोपों को लेकर दामन दागदार हुआ है। सेक्स स्कैंडल, फर्जी डिग्री से लेकर उनके मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं।
2- दावा : सभी अस्पतालों में मिल रहीं फ्री में दवाइयां
दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में दवाइयां मुफ्त में मिल रही हैं। दिल्ली पहला राज्य है जहां अगर आप को इलाज व ऑपरेशन के लिए सरकारी अस्पताल में तारीख नहीं मिलती है तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकते हैं। एमआरआइ आदि जांच फ्री की गई है। हकीकत-अस्पतालों में दवाइयां नही मिलती हैं। डाक्टर बाहर से दवाइयों के लिए लिखते हैं। आज भी अस्पतालों में दलालों का बोलबाला है। गरीब आदमी की कोई सुनवाई नहीं होती है। सरकारी अस्पतालों में इलाज उन्हीं का हो पाता है जिनकी कोई सिफारिश होती है।
अन्यथा 4-4 घंटे तक लाइन में लगने के बाद भी लोगों का अस्पतालों में इलाज नहीं हो पा रहा है। सिफारिश नहीं होने पर कई बार डाक्टर मरीजों को यूं ही टरका देते हैं। पूरे पूरे दिन लाइल में लगने के बाद लोगों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता है।
3- दावा : बना दिए 164 मोहल्ला क्लीनिक
164 मोहल्ला क्लीनिक बनाए गए हैं। 780 मोहल्ला क्लीनिक के लिए जगह चिन्हित हो गई है। अगले कुछ महीनों में 944 मोहल्ला क्लीनिक बनकर तैयार हो जाएंगे। इस साल के अंत तक 3000 अतिरिक्त बेड और अगले साल तक 2500 बेड सरकारी अस्पतालों में तैयार होंगे। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ी है।
हकीकत-सत्ता में आने के बाद केजरीवाल सरकार ने अस्पतालों में 10 हजार बेड बढ़ाने का दावा किया था।कहा गया था कि पहले ही साल में 10 हजार बेड बढ़ाएंगे। जबकि तीन साल में अभी तक एक भी अस्पताल में एक बेड नहीं बढ़ा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकार जिन बेड बढ़ाने के लिए बात कर रही है। इन पर भी शीला सरकार के समय से ही काम चल रहा है।
4- दावा : 3 साल में बनाए 11 फ्लाईओवर
तीन साल में 11 फ्लाईओवर बनाकर तैयार किए। पिछली सरकारों ने 60 साल में 57 फ्लाईओवर बनाए थे। निर्माण में पैसे भी बचाए हैं। हकीकत-इस दावे की सच्चाई यह कि केजरीवाल सरकार तीन साल में अपनी एक भी योजना जमीन पर नहीं ला पाई है। जिन 11 फ्लाईओवर को बनाने की बात केजरीवाल ने कही है इन फ्लाईओवर का काम शीला सरकार में 2012 में शुरू किया गया था।
आप सरकार सत्ता में आई थी तो इन योजनाओं का 50 से लेकर 60 फीसद तक काम पूरा हो चुका था। पूर्व सरकार के समय शुरू की गईं बारापुला फेज दो व राष्ट्रपति शासन में बारापुला फेज तीन के शुरू हुए काम के अलावा सिग्नेचर ब्रिज का काम भी यह सरकार पूरा नहीं कर पाई है।
5- दावा-तीन साल में बनाए 7 हजार क्लासरूम
हमने तीन सालों में 7,000 नए क्लासरूम बनाकर शुरू कर दिए। अगले साल तक 8,000 क्लासरूम और बनकर तैयार हो जाएंगे। सच्चाई-आप सरकार ने सत्ता में आने के बाद 5सौ नए स्कूल 20 कालेज बनाने का दावा किया था। न ही स्कूल बने हैं और न ही कालेज बने हैं। इतना ही नहीं अगले साल जिन 8 हजार क्लासरूम बनाने की दिल्ली सरकार बात कर रही है। इस योजना को शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग ने अभी मंजूरी नहीं दी है।
6-दावा-अनधिकृत कालोनियों में बढ़ेगी सुविधाएं
383 अतिरिक्त कॉलोनियों में इस साल पानी की पाइप लाइन और सीवर की व्यवस्था होगी। सच्चाई-केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आने पर सभी अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का वादा किया था। यह भी कहा था कि सभी अनधिकृत कॉलोनियों में लोग अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करा सकेंगे।
मगर न ही एक कॉलोनी पास हुई और न ही किसी कॉलोनी में रजिस्ट्री शुरू हो पाई। जिन 300 कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन डालने की बात कही कही गई थी वह भी कार्य पूरा नहीं हुआ है।
7- दावा-इस साल 2500 नई बसें आएंगी
इस साल 500 ई-बस, 1000 क्लस्टर और 1000 नई बसें डीटीसी के बेड़े में आएंगी। ई-रिक्शा पर सब्सिडी बढ़ाकर 30 हजार की गई है। हकीकत-तीन साल में एक भी नई बस नहीं आई है। सत्ता में आने पर 2 हजार नई बसें लाने की बात सरकार ने कही थी। जनता परेशान है और सरकार तीन साल से जनता को गुमराह कर रही है कि बसें आएंगी।
डीटीसी में बसें बढऩे की वजाय 55 सौ से 42 सौ पर आ गई है। लास्टमाइल कनेक्टिविटी पर काम नहीं हुआ है। बसों में सीसीटीवी नहीं लगे हैं। महिला सुरक्षा के लिए काम नहीं हुआ है।
8- दावा-प्रदूषण के लिए उठाए गए
केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए नए कदम उठाए गए। जुर्माना बढ़ाया गया। इस साल नए तरीके भी आजमाएंगे। जिसके तहत 500 किमी की सड़कों पर दोनों तरफ लैंडस्केपिंग की जाएगी। बड़ी तादात में पेड़-पौधे लगाने की योजना शुरू होगी। कानपुर आइआइटी से प्रदूषण पर सर्वे कराएंगे। मुख्य सचिव इस रिपोर्ट और रीयल टाइम डेटा के लिए मशीन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। हकीकत-तीन साल में सत्ता में रहने के दौरान केजरीवाल सरकार ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि प्रदूषण नापने के भी पर्याप्त इंतजाम नहीें हैं। प्रदूषण नापने के लिए 20 नए मॉनीटरिंग स्टेशन लगाने के लिए कहा गया था। मगर यह योजना भी पूरी नहीं हो पाई है।
9- दावा-सड़कों का होगा विकास
इस साल के बजट का बड़ा हिस्सा कच्ची कॉलोनियों, गलियों और शहर की सड़कों को दुरुस्त करने में खर्च किया जाएगा। साल भर में मरम्मत पूरी होगी। हकीकत-तीन साल में सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है। अनेक सड़कें खस्ताहाल हैं। आप सरकार आने के बाद से सड़कों की खस्ता हालत के कारण लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ी है।
10 दावा-दिल्ली में सस्ती हुई बिजली
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 3 साल से दिल्ली में बिजली का बिल बढऩे नहीं दिया है। उल्टे उसे आधा ही कर दिया है। आज दिल्ली में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे सस्ती बिजली मिल रही है।
11- दावा-दिल्ली के नाइट शेल्टर सबसे बेहतर
सरकार ने इस तीन सालों में 90 नए नाइट शेल्टर बनाए हैं। दिल्ली में अब तक 175 नाइट शेल्टर थे, लेकिन अब 265 नाइट शेल्टर हो गए हैं। हकीकत-गत सात जनवरी तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो ठंड में 44 बेघर सड़कों पर ही दम तोड़ गए। उनके लिए कोई इंतजाम ही नहीं था। कई नाइट शेल्टर खाली रहते हैं। वहां व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते लोग वहां जाने को तैयार नहीं हैं।
12- दावा- तमाम अड़चनों के बावजूद किया काम
भाजपा के तमाम प्रयास सिर्फ आप सरकार के प्रशासन की लकीर को मिटाने में लगे रहे, जबकि दिल्ली सरकार ने समय की चट्टान पर अमिट रहने वाले शासन की लकीर खींच कर सही मायनों खुद को आम आदमी की सरकार साबित किया है।
तीन साल पहले दिल्ली के लोगों ने एक ईमानदार सरकार बनाई थी। अब एक एक पैसा जनता के विकास पर खर्च हो रहा है। हकीकत-बेवजह दिल्ली सरकार केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से लड़ती रही। नियम और कानून के तहत कार्य करने की जगह दिल्ली सरकार केंद्र और उपराज्यपाल पर दोष मढ़कर तीन साल तक झगड़ती रही। ऐसे में दिल्ली का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ।