दिल्लीवासियों को बड़ी राहत, एलजी के अनुरोध पर RERA ने वापस लिया भवन निर्माण संबंधी आदेश
रेरा के आदेश के बाद संपत्ति की खरीद-फरोख्त में आ रही परेशानियों के बारे में एलजी को अवगत कराया कराते हुए इसके समाधान की मांग की गई थी। अलग-अलग मीडिया रिपोर्टस में भी इस संबंध में लोगों को हो रही परेशानियों को सामने रखा गया था। रेरा ने एक आदेश जारी किया कि किसी प्लाट के किसी भी फ्लोर पर तय संख्या में ही कमरे बनाए जा सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना द्वारा रेरा अध्यक्ष से भवन निर्माण संबंधी आदेश पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किए जाने के कुछ ही घंटों बाद रेरा ने अपना आदेश वापस ले लिया। रेरा सचिव सतीश कुमार छिकारा की ओर से देर शाम पुराने आदेश की वापसी का नया आदेश भी लिखित रूप से जारी कर दिया।
राजनिवास के मुताबिक रेरा द्वारा 19 सितंबर को जारी आदेश को लेकर एलजी को तमाम स्तर पर प्रतिवेदन और शिकायतें मिल रही थीं। इसमें सांसदों, विधायकों, नगर निगम पार्षदों से लेकर नागरिक संगठनों और आम लोगों तक की शिकायतें भी शामिल हैं।
एलजी को बताई गई थीं लोगों को होने वाली परेशानियां
इसमें रेरा के आदेश के बाद संपत्ति की खरीद-फरोख्त में आ रही परेशानियों के बारे में एलजी को अवगत कराया कराते हुए इसके समाधान की मांग की गई थी। अलग-अलग मीडिया रिपोर्टस में भी इस संबंध में लोगों को हो रही परेशानियों को सामने रखा गया था।
इसी के मद्देनजर एलजी ने मंगलवार दिन में रेरा अध्यक्ष और इसके सदस्यों के साथ राजनिवास में मुलाकात की। इस दौरान मुख्य सचिव नरेश कुमार और मंडलायुक्त अश्विनी कुमार भी मौजूद रहे। एलजी ने इस बैठक में दिल्ली वासियों के समक्ष पैदा हुई गंभीर समस्या की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया और इस आदेश के नतीजों पर व्यापक चर्चा की थी। साथ ही एलजी ने लोगों को रही परेशानी को देखते हुए रेरा से उक्त आदेश पर दोबारा विचार करने का अनुरोध भी किया था।
गौरतलब है कि रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी ( रेरा) ने 19 सितंबर को एक आदेश जारी किया कि किसी प्लाट के किसी भी फ्लोर पर तय संख्या में ही कमरे बनाए जा सकेंगे। आदेश में 50 वर्ग मीटर से लेकर 3750 या इससे भी बड़े आकार के प्लाटों पर आवासीय यूनिट बनाने की सीमा तय कर दी गई।
किस साइज के प्लाट पर कितनी आवासीय यूनिट
प्लाट साइज (वर्ग मीटर) आवासीय यूनिट
50 तक 3
51-100 4
101-250 4
251-750 5
751-1000 7
1001-1500 7
1501-2250 10
2251-3000 10
आदेश में सुप्रीम कोर्ट के मार्च, 2008 के एक आर्डर का हवाला भी दिया गया और उसी के अनुसार अलग-अलग साइज के प्लाटों पर आवासीय यूनिट बनाने की सीमा तय करने की बात कही गई। रेरा ने दिल्ली कैंट बोर्ड, एमसीडी और डीडीए को भी इस संबंध में पत्र लिखा है और आदेश के अनुसार ही बिल्डिंग प्लान जारी करने के लिए कहा।
सभी सब-रजिस्ट्रार को भी रेरा ने पत्र लिखकर कहा कि 15 सितंबर के बाद किसी संपत्ति की रजिस्ट्री उक्त आदेश अनुसार आवासीय इकाइयों को चेक करके ही की जाए। अगर प्लाट साइज से अधिक आवासीय इकाइयां हैं, तो ऐसी प्रापर्टी का रजिस्ट्रेशन न किया जाए।