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कुमार विश्वास ने राहत इंदौरी को कुछ इस अंदाज में उनकी पुण्यतिथि पर किया याद, नम हो गई आंखें

राहत इंदौरी जी की पुण्यतिथि पर कवि जगत के जाने-माने कवियों ने उनको अपने-अपने हिसाब से श्रृद्धासुमन अर्पित किए। कवि कुमार विश्वास ने जब से मंचों पर कविता का पाठ करना शुरू किया है उसके बाद अब तक वो हजारों बार उनके साथ मंच साझा कर चुके है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 12 Aug 2021 11:59 AM (IST)
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राहत इंदौरी जी की पुण्यतिथि पर कई पुराने शायरों और कवियों ने उनको याद किया।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। आज राहत इंदौरी जी की पुण्यतिथि है। इस मौके पर कवि जगत के जाने-माने कवियों ने उनको अपने-अपने हिसाब से श्रृद्धासुमन अर्पित किए। कवि कुमार विश्वास ने राहत इंदौरी जी के साथ बिताए पुराने पलों को याद करते हुए उन्हें याद किया। कुमार विश्वास राहत इंदौरी जी के साथ सैकड़ों बार मंच साझा कर चुके होंगे। उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए लिखा कि राहत इंदौरी जी एक बाकमाल शायर, बेहतरीन दोस्त और बड़े भाई थे। यह वक्त तो मुशायरों में ठहाके लगाने का था मगर आप साथ नहीं है।उन्होंने राहत इंदौरी जी के साथ की कई हंसी ठहाके वाली तस्वीरें भी शेयर की। इंटरनेट मीडिया नेटवर्क ट्विटर पर राहत इंदौरी को याद करते हुए उनकी ओर से कुछ फोटो और कुछ लाइनें शेयर की।

उन्होंने लिखा कि मुशायरे के मंचों से लेकर निजी ज़िंदगी तक, मेरी सभी महत्वपूर्ण यात्राओं में साथ सफ़र करने वाले, बाकमाल शायर और बेहतरीन दोस्त, बड़े भाई राहत साहब की आज पुण्यतिथि है। व्यथित मन से इतना ही कहूँगा कि यह बात इस वक्त नहीं लिखनी थी! यह वक्त तो मुशायरों में आपके साथ ठहाके साझा करने का था pic.twitter.com/VKoyC1PdHT

राहत कुरैशी कैसे बने शायर राहत इंदौरी

राहत इंदौरी के शायर बनने की कहानी भी दिलचस्प है। वो अपने स्कूली दिनों में सड़कों पर साइन बोर्ड लिखने का काम करते थे। बताया जाता है कि उनकी लिखावट काफी सुंदर थी। वो अपनी लिखावट से ही किसी का भी दिल जीत लेते थे लेकिन तकदीर ने तो उनका शायर बनना मुकर्रर किया हुआ था। एक मुशायरे के दौरान उनकी मुलाकात मशहूर शायर जां निसार अख्तर से हुई। बताया जाता है कि ऑटोग्राफ लेते वक्त राहत इंदौरी ने खुद को शायर बनने की इच्छा उनके सामने जाहिर की।

शायरी लिखने से पहले वह एक चित्रकार बनना चाहते थे और जिसके लिए उन्होंने व्यावसायिक स्तर पर पेंटिंग करना भी शुरू कर दिया था। इस दौरान वह बॉलीवुड फिल्म के पोस्टर और बैनर को चित्रित करते थे। यही नहीं, वह पुस्तकों के कवर को डिजाइन करते थे। उनके गीतों को 11 से अधिक बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्मों में इस्तेमाल किया गया। जिसमें से मुन्ना भाई एमबीबीएस एक है। वह एक सरल और स्पष्ट भाषा में कविता लिखते थे। वह अपनी शायरी की नज़्मों को एक खास शैली में प्रस्तुत करते थे, इसलिए उनकी अलग ही पहचान थी।

राहत इंदौरी की मौत से दिल्लीवासियों को भी गहरा आघात लगा था। सांसद मनोज तिवारी ने साल 2020 में एक सम्मेलन का वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर उनको याद भी किया था।

एक वाक्या

पिछले साल उर्दू अकादमी ने सेंट्रल पार्क में हेरिटेज उत्सव का आयोजन था। आयोजन का एक वाकया यादगार था। मुशायरे के दौरान कुछ दर्शक तालियां बजा रहे थे। इस पर एक शायर ने कहा कि तालियां न बजाएं, सिर्फ दाद दें, लेकिन मुशायरे में ही शरीक होने आए एक अन्य शायर ने दर्शकों से कहा कि तालियां क्या, अगर उनकी शायरी अच्छी लगे तो दर्शक सीटी भी बजा सकते हैं। यह सुनना भर था कि राहत इंदौरी उठ खड़े हुए। बोले, 'मैं मुशायरे छोड़कर चला जाऊंगा। सीटी बजाना मुशायरे के मान के खिलाफ है।' बाद में दर्शकों को भी अपनी गलती का एहसास हो गया। उसके बाद किसी ने कार्यक्रम में ताली या सीटी नहीं बजाई।'

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