आम खाने की बात पर कवि कुमार विश्वास ने कुछ ऐसे किया कटाक्ष, याद किए वो दिन, पढ़िए क्या कहा
एक बार फिर कुमार विश्वास ने तीखी टिप्पणी की है। इस बार उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि वो भी तो यही कह रहे थे कि चुप रहो और मिल बांटकर खाओ वो आगे कहते हैं कि मैंने कहा था कि जनता के बगीचे के आम हैं।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 08 Jul 2021 03:51 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। एक समय था जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कई नामी गिरामी लोग जुड़े हुए थे। उन्हीं में एक नाम कवि कुमार विश्वास का भी था। मगर समय के साथ बहुत से नए लोग जुड़े और पुराने अलग हो गए। इसी में एक नाम कवि कुमार विश्वास का भी है। फिलहाल कवि कुमार विश्वास किसी राजनैतिक दल के साथ नहीं जुड़े हुए हैं। इसी वजह से जब भी कोई बड़ा मुद्दा होता है तो उस पर बेबाक टिप्पणी करते हैं। आपको याद होगा कुछ दिन पहले सीएम अरविंद केजरीवाल जब पंजाब गए थे तो उन्होंने वहां 300 यूनिट बिजली फ्री में देने की बात कही थी, उस पर भी कुमार विश्वास ने टिप्पणी की थी। प्रदूषित यमुना की एक फोटो ट्वीट करते हुए उन्होंने सिर्फ इतना लिखा था कि 300 यूनिट फ्री बिजली यमुना में तैर रही है। इसमें उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था मगर इशारा किसकी तरफ था ये सब समझ गए थे।
अब एक बार फिर कुमार विश्वास ने तीखी टिप्पणी की है। इस बार उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि वो भी तो यही कह रहे थे कि चुप रहो और मिल बांटकर खाओ, वो आगे कहते हैं कि मैंने कहा था कि जनता के बगीचे के आम हैं, खाने हैं तो अपने उगाओ, तब वो बोले, इसे(कुमार विश्वास) बाग से बाहर करो, वो आगे लिखते हैं कि अब वो जनता के पसीने से सीेंचे पेड़ों से तोड़कर साले-साढ़ू सहित खा रहे हैं, हम खुद अपने उगाकर खा रहे हैं। दोनों संतुष्ट हैं। कवि क्या कहना चाहते हैं इसे पढ़ने वाले बखूबी समझ सकते हैं। साथ ही ये भी जान सकते हैं कि कुमार का इशारा किसकी ओर है।
मालूम हो कि उन्होंने ये ट्वीट अपने एक प्रशंसक के ट्वीट पर लिखा। प्रशंसक ने लिखा था कि थोड़े आम इधर भी भेज दीजिए डाक्टर साब, आम मिल बांटकर खाना चाहिए, दरअसल इससे पहले कुमार विश्वास ने एक वीडियो ट्वीट किया था कि जिसमें उन्होंने लिखा था कि शाम Full moon with face, उमस, ट्यूबवेल Splashing sweat symbol @kvKutir के आम और हम। इसके बाद प्रशंसक ने आम मिल बांटकर खाने की बात लिखी। फिर कुमार विश्वास ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए ये चीजें लिखी।वो भी तो यही कह रहे थे कि “चुप रहो और ‘मिल-बाँट’ के खाओ”
मैंने कहा था “जनता के बगीचे के आम हैं, खाने हैं तो अपने उगाओ”
वे बोले “इसे बाग से बाहर करो”😳
अब वो जनता के पसीने से सींचे पेड़ों से तोड़कर साले-साढ़ू सहित खा रहे हैं, हम ख़ुद अपने उगाकर खा रहे हैं🤤
दोनों संतुष्ट हैं😂🙏🇮🇳 https://t.co/L37ZYamDSY
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 6, 2021
कुमार विश्वास का आम आदमी पार्टी और सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ कैसा संबंध था ये किसी से छिपा नहीं है। एक समय पार्टी के हर कार्यक्रम में कुमार विश्वास शिरकत किया करते थे, पार्टी में उनकी अलग ही अहमियत थी। कुमार विश्वास को सुनने के लिए हजारों लोग जमा हो जाते थे जिसका पार्टी को फायदा भी मिलता था। मगर फिर एक समय के बाद कुमार राजनीति से अलग हो गए। अब वो गाहे बगाहे ऐसे ट्वीट करके अपने पुराने दिनों और अनुभवों को ऐसे साझा करते हैं।
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