Mohalla Bus Route: दिल्ली में किन रूटों पर चलेंगी मोहल्ला बसें? कैलाश गहलोत ने विधायकों से मांगी राय
Mohalla Buses दिल्ली में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए जल्द ही सड़कों पर मोहल्ला (छोटी इलेक्ट्रिक) बसें सड़कों पर दौड़ने वाली हैं। अब इसको लेकर परिवहन विभाग और मंत्री कैलाश गहलोत ने विधायकों से सुझाव मांगे हैं कि किन रूटों पर इन बसों को चलाया जाए। राजेंद्र नगर से विधायक दुर्गेश पाठक ने अपने यहां के तीन रूट दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हाल ही में लांच की गई मोहल्ला बस सेवा को लेकर परिवहन विभाग अब इसके रूट निर्धारण में लगा है। इन्हें किन रूटों पर चलाया जाए, इसके लिए विभाग ने विधायकों से भी सुझाव मांगे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके।
मोहल्ला बसें नौ मीटर लंबी
परिवहन अधिकारियों ने बताया कि मोहल्ला बसें नौ मीटर लंबी हैं, जिन्हें ऐसी जगहों पर कनेक्टिविटी के लिए शुरू किया गया है, जहां मौजूदा बसें नहीं जा पातीं। कई विधायकों ने ऐसे इलाके बताए हैं, जिन्हें मोहल्ला बस के रूट में शामिल किया जा सके।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Delhi Transport Minister Kailash Gehlot) के मुताबिक कई विधायकों से सुझाव मिले हैं। (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल सरकार मोहल्ला बसों के लिए सबसे बेस्ट रूट बनाने के लिए सुझावों को एक साथ करने की कोशिश करेगी।
विधायकों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप ही रूट को अंतिम रूप दिया जाएगा। विधायक क्षेत्रों और अपने एरिया में सार्वजनिक परिवहन की जरूरतों को अच्छी तरह से जानते हैं और उनके सुझावों से बसों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सकेगा।
राजेंद्र नगर के विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा
''लास्ट-माइल कनेक्टिविटी पर लोगों की दैनिक कमाई का एक बड़ा हिस्सा रोजाना कार्यालय आने-जाने में खर्च हो डाता है। मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में तीन रूट सुझाए हैं, जिससे हर दिन करीब एक लाख यात्रियों को फायदा होगा।''पाठक द्वारा सुझाए गए रूट का मकसद उनके निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न आबादी वाले इलाकों को मेट्रो स्टेशनों से जोड़ना है। पाठक के सुझावों में इंद्रपुरी को नारायणा मेट्रो और मायापुरी से जोड़ना और बुद्ध नगर, टोडापुर और दशघरा सहित अन्य क्षेत्रों को जोड़ना शामिल है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राजेंद्र नगर में रूट का वेरिफिकेशन किया गया था।
मालूम हो कि मोहल्ला बस योजना (Mohalla Bus Yojana) का मकसद पड़ोस आस-पास या फीडर सेवाओं के लिए नौ मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसें शुरू करना है, जिसमें 2025 तक 2180 बसें बेड़े में शामिल की जाएंगी। यह योजना सीमित सड़क चौड़ाई या रिकॉर्ड भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है।यह भी पढ़ें: Auto Taxi Strike: दिल्ली-NCR वालों को दो दिन नहीं मिलेगी ऑटो-टैक्सी, यूनियन ने बुलाई हड़ताल; रखी अपनी मांगे
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