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दिल्ली वालों की Night Life होगी बेहतर, होटल-रेस्टोरेंट से 24 घंटे ऑनलाइन डिलीवरी; मिलेगा जरूरत का हर सामान

Delhi News दिवाली से पहले दिल्लीवालों को एक बड़ा तोहफा मिला है। अगले हफ्ते से राजधानी के लोग केपीओ बीपीओ रेस्टोरेंट दवा दुकान परिवहन और यात्रा सेवाओं समेत 300 से अधिक प्रतिष्ठानों से 24 घंटे सर्विस प्राप्त कर सकेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sun, 09 Oct 2022 04:28 PM (IST)
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Delhi News: दिल्ली में अगले हफ्ते से 24 घंटे मिलेगी आवश्यक चीजों की आनलाइन डिलीवरी की सुविधा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्लीवालों की अब नाइट लाइफ (Delhites Night Life) अगले सप्ताह से मुंबईवालों से भी बेहतर होने वाली है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिवाली का तोहफा देते हुए उनके निर्देश पर अगले हफ्ते से केपीओ, बीपीओ, रेस्टोरेंट, दवा दुकान, परिवहन और यात्रा सेवाओं समेत 300 से अधिक प्रतिष्ठान अब 24 घंटे सेवा देंगे।

एलजी ने साल 2016 से लंबित ऐसे 314 आवेदनों को छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने इस संबंध में 7 दिनों के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है।

नाइट लाइफ कल्चर को मिलेगा बढ़ावा

राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे जरूरी प्रतिष्ठानों के खुले रहने से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने के साथ सकारात्मक और अनुकूल कारोबारी माहौल विकसित होने की उम्मीद है। चौबीस घंटे डिलीवरी सुविधा में होटल-रेस्टोरेंट, खाने-पीने से संबंधित आनलाइन डिलीवरी, दवा दुकान समेत 300 से अधिक प्रतिष्ठान को इस निर्णय में शामिल किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि इस महत्वपूर्ण फैसले से दिल्ली में 'नाइट लाइफ' कल्चर को भी बढ़ावा मिलेगा।

एलजी ने श्रम विभाग को दिए सख्त निर्देश

प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने प्रतिष्ठानों द्वारा किए गए आवेदनों को निपटाने में श्रम विभाग की ओर से अत्यधिक देरी समेत के मुद्दों को भी गंभीरता से लिया। उल्लेखनीय है कि कुल 346 लंबित आवेदनों में से 2016 के 26 आवेदन, 2017 के 83 आवेदन, 2019 के 25 आवेदन, 2020 के 4 आवेदन और 2021 के 74 आवेदनों पर श्रम विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

दोषी अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

श्रम विभाग के अव्यवसायिक रवैया को लेकर एलजी ने नागारजगी जाहिर की। आवेदनों को संसाधित करने में विभाग 'पिक एंड चॉइस पॉलिसी' अपना रहा था। इस तरह की व्यवस्था से भ्रष्ट आचरण भी हो सकता है। एलजी ने श्रम विभाग को भविष्य में इस तरह की देरी न हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही पारदर्शी और प्रभावी निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करने को कहा ताकि कार्यों में देरी होने के कारणों का पता लगाने के साथ जिम्मेदारी तय की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

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