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Online Fraud: केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर SBI के ग्राहकों से ठगी, 23 शख्स गिरफ्तार

गिरोह के सभी आरोपितों के काम अलग-अलग थे। आरोपित एसबीआइ की फर्जी बेवसाइट व फर्जी एप पर ग्राहकों से केवाइसी अपडेट कराने बहाने नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल हासिल कर लेते थे और उनके खाते से पैसा निकाल लेते थे।

By Dhananjai MishraEdited By: Prateek KumarUpdated: Wed, 30 Mar 2022 10:06 PM (IST)
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देशभर में फैला रखा था ठगी का जाल, दिल्ली पुलिस की सातों टीमों ने एक साथ छापेमारी कर दबाेचा
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) के ग्राहकों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का दिल्ली पुलिस की इंटेजीलेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशन्स (आइएफएसओ) भडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में 23 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सभी आरोपितों के काम अलग-अलग थे। आरोपित एसबीआइ की फर्जी बेवसाइट व फर्जी एप पर ग्राहकों से केवाइसी अपडेट कराने के बहाने नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल हासिल कर लेते थे और उनके खाते से पैसा निकाल लेते थे।

देश भर में 800 से ज्यादा लोगों से ठगी

पुलिस ने आरोपितों के पास से 58 मोबाइल फोन, 12 लेपटाप, 20 डेबिड कार्ड और 202 सिम कार्ड बरामद किया है। पुलिस की अब तक की जांच में यह पता लगा है कि आरोपितों द्वारा देशभर में 800 से अधिक लोगाें के साथ लाखों की ठगी की गई है। फिलहाल पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है।

केवाइसी अपडेट करने के बहाने ठगा

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक, एसबीआइ के ग्राहकों के द्वारा विभिन्न शिकायतें नियमित रूप से प्राप्त हो हुई, जिसमें यह पता चला कि पीड़ितों को एसबीआइ के एप पर केवाइसी अपडेट करने के बहाने ठगा गया। मामले में एसबीआइ प्रबंधन से संपर्क डाटा मांगा गया और विस्तृत जांच शुरू की गई। शुरुआती जांच के दौरान 100 शिकायतें मिली, जिसमें 51 शिकायतें दिल्ली से संबंधित थी। बाद में आगे की जांच में कुल 820 पीड़ितों के बारे में जानकारी मिली।

अलग-अलग सात स्थानों पर की छापेमारी

मामले की जांच के लिए एसीपी रमन लांबा के देखरेख में इंस्पेक्टर उदय, संजीव सोलंकी, अरुण त्यागी के नेतृत्व में सात टीमों को गठन किया गया। जांच के दौरान पीड़ितों काे आरोपितों द्वारा भेजे गए लिंक व मोबाइल काल का विश्लेषण गया। साथ ही आरोपितों के बैंक खातों की जानकारी निकाली गई तो पता चला कि आरोपित अलग-अलग शहरों में रहकर बहुत ही व्यवस्थित तरीके से ठगी कर रहे हैं। आरोपितों के ठिकाने की पहचान करने के बाद यह भी पता चला कि यदि एक आरोपित का पकड़ा जाता तो अन्य आरोपितों के फरार होने की संभावना है ऐसे में सात टीमों द्वारा एक साथ अलग-अलग शहरों में छापेमारी की गई जिसमें गुजरात के सूरत से 12, बंगाल के कोलकाता से छह, झारखंड के गिरडीह से दो, जामताड़ा से एक, धनबाद से दो को गिरफ्तार किया गया।

इनकी हुई गिरफ्तारी

गिरफ्तार सभी 23 आरोपित झारखंड के लिए गिरिडीह और धनबाद जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनमें पवन मंडल, टिंकू कुमार मंडल, छोटू कुमार मंडल, संदीप मंडल, रामजीत मंडल, बीरेंद्र मंडल, सुशील कुमार मंडल, रवि कुमार मनदाल, संजीत कुमार, राज किशोर मंडल, विकास कुमार मंडल, महेंद्र मंडल पुत्र, शंकर कुमार मंडल, पप्पू कुमार मंडल, कुलदीप मंडल, प्रमोद कुमार, बिनोद कुमार, नीरज शर्मा, तिंकुकुमार मंडल, टिंकुकुमार मंडल, उमेश कुमार मंडल, राजेंद्र मंडल, संजय कुमार मंडल

टीम बनाकर चला रहे थे गिराेह

  • -फ़िशिंग लिंक बनाने और होस्ट करने वालों की अलग टीम
  • -एक साथ कई एसएमएस भेजने और काल करने लिए फर्जी सिम कार्ड मुहैया करने वाली अलग टीम
  • -फ़िशिंग लिंक भेजने और पीड़ित को काल करने वाली अलग टीम
  • -पीड़ित के बैंक खातों से धनराशि स्थानांतरित करने की अलग टीम
  • -ठगी की रकम लेने के लिए फर्जी बैंक खातों को मुहैया करानी वाली टीम
  • -बैंक खातों से पैसे निकालने में के लिए अलग टीम
फर्जी एप बनाकर ग्राहकों की डिटेल हासिल कर की जा रही है ठगी

वहीं, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि आजकल केवाईसी (नो योर कस्टमर) अपडेट करने के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी हो रही है। धोखेबाज खुद को सर्विस प्रोवाइडर बताते हुए बैंक की फर्जी वेबसाइट और फर्जी एप बनाकर ग्राहकों की बैंक से जुड़ी जानकारियां हासिल कर ठगी कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ठग एक साथ हजारों लोगों को एसएमएस करते हैं। उसमें लिखा होता है कि आपके बैंक खाते में केवाईसी अपडेट नहीं है। ऐसे में आपका खाता अगले कुछ दिनों में बंद हो जाएगा। अगर आप इसे चालू रखना चाहते हैं तो तुरंत एसएमएस में दिए गए लिंक को खोलकर आधार नंबर समेत अन्य जानकारी दें। इस दौरान ग्राहक अनजान होते हैं और तुरंत पूरा डिटेल दे देते हैं और साइबर ठगों के चंगुल से फंस जाते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

बैंक की ओर से कभी-भी केवाईसी अपडेट कराने के लिए फोन नहीं किया जाता है और न ही इसके लिए कोई लिंक भेजी जाती है। अगर इस तरह के काल या एसएमएस आपके पास आए तो तुरंत इसकी शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही इस तरह के काल और मैसेज को रिकार्ड कर लें और उस पर क्लिक या रिप्लाई न करें। मैसेज का स्क्रीनशाट लेकर पुलिस से शिकायत करें। अगर आपने ठग के भेजे लिंक पर क्लिक कर दिया है या आपके खाते से पैसे निकल गए हैं तो तुरंत बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी लेकर संबंधित थाने में मामला दर्ज कराएं।

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