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स्तनपान जागरूकता सप्ताहः 29 फीसद शिशुओं को ही जन्म के पहले घंटे में मिलता है ये पोषक तत्व

विशेषज्ञों के अनुसार अमृत समान होता है मां का दूध। शिशु में बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता। स्तनपान नहीं करने से बीमारियों का शिकार हो जाते हैं बच्चे।

By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 03 Aug 2018 09:53 AM (IST)
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स्तनपान जागरूकता सप्ताहः 29 फीसद शिशुओं को ही जन्म के पहले घंटे में मिलता है ये पोषक तत्व
नई दिल्ली (जेएनएन)। बच्चों में कुपोषण की समस्या के मद्देनजर इन दिनों स्तनपान जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। स्तनपान के प्रति जागरूकता का अभाव ही कहा जाएगा कि देश की राजधानी दिल्ली में भी महज 29.1 फीसद बच्चों को ही जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराया जाता है।

कई शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि पहले घंटे में स्तनपान करने वाले बच्चों में अन्य की अपेक्षा बीमारियों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है। मां के दूध में एक ऐसा पोषक तत्व होता है, जो बच्चे को जन्म के केवल एक घंटे तक ही मिलता है। डॉक्टर इस पोषक तत्व को शिशु के लिए अमृत मानते हैं।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि दिल्ली में तीन साल तक की उम्र वाले महज 29.1 फीसद बच्चों ने ही जन्म के बाद पहले घंटे में स्तनपान किया है। वर्ष 2005-06 के दौरान यह आंकड़ा 19.3 फीसद था। इस तरह पहले के मुकाबले थोड़ा सुधार जरूर हुआ है, पर हालात अभी भी अच्छे नहीं हैं। अब भी 71 फीसद बच्चे जन्म के पहले घंटे में स्तनपान नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की वार्षिक रिपोर्ट (वर्ष 2016-17) के आंकड़े अलग हैं। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 26.42 फीसद बच्चे ही जन्म के पहले घंटे में स्तनपान से महरूम रहे।

एक घंटे बाद स्तनपान करने वाले बच्चों की मृत्युदर ज्यादा

पिछले साल हुए एक समीक्षात्मक अध्ययन में कहा गया है कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में दो से 23 घंटे के बीच स्तनपान करने वाले बच्चों में मृत्युदर की आशंका 33 फीसद ज्यादा रहती है। वहीं एक दिन बाद स्तनपान करने वाले बच्चों में मृत्युदर की आशंका दोगुनी हो जाती है।

एम्स व कई अस्पतालों द्वारा मिलकर किए गए एक अन्य शोध में कहा गया है कि पहले घंटे में स्तनपान करने से बच्चे कुशाग्र होते हैं। ऐसे बच्चों में रोग प्रतिरोधकता अधिक होती है। जबकि पहले घंटे में स्तनपान नहीं करने वाले बच्चों को संक्रमण, मोटापा इत्यादि होने की आशंका अधिक रहती है।

केवल एक घंटे ही रहता है ये पोषक तत्व

डॉक्टर कहते हैं कि मां के दूध में क्लोस्ट्रम होता है, जो प्रसव के बाद पहले घंटे में ही बच्चों को मिल पाता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधकता बढ़ती है और बच्चों को संक्रमण होने का खतरा कम होता है। आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पीडियाटिक विभाग की कंसल्टेंट डॉक्टर मीना जे. का कहना है कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए स्तनपान जरूरी है। कृत्रिम दूध बच्चों की सेहत के अनुकूल नहीं होता। इससे बच्चों का शारीरिक विकास भी बाधित होता है।

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