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Delhi Coaching Center Incident: बेसमेंट में स्टोर की अनुमति, लेकिन चल रही थी लाइब्रेरी; हादसे के समय मौजूद थे 35 छात्र

Delhi Coaching Center पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों बिल्डिंग मैनेजमेंट व निगम कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सभी के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं। साथ ही पुलिस ने कोचिंग सेंटर को सील कर दिया है। कोचिंग सेंटर का संचालक गिरफ्तार हो गया है। पुलिस उनको भी गिरफ्तारी करेगी जिनकी इस हादसे में लापरवाही सामने आएगी।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 29 Jul 2024 09:16 AM (IST)
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कोचिंग सेंटर के बाहर हजारों की संख्या में प्रदर्शन के दौरान फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देेते छात्र-छात्राएं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में शनिवार देर रात जलभराव से दो छात्राओं और एक छात्र की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को संस्थान के मालिक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इन्हीं धाराओं में बिल्डिंग मैनेजमेंट, ड्रेनेज सिस्टम का रखरखाव करने वाले नगर निगम कर्मियों और अन्य के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया है। कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया है।

एलजी ने मांगी रिपोर्ट

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने घटना पर दुख जताते हुए मंडलायुक्त को मंगलवार तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। एलजी ने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह अक्षम्य है और ऐसे मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने छात्रों की बुनियादी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करने में कोचिंग संस्थानों और मकान मालिकों की भूमिका को भी जांच के दायरे में लाने की जरूरत बताई।

दिल्ली सरकार ने दिए जांच के आदेश

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। शनिवार शाम हुए इस हादसे में मरने वाली एक छात्रा तान्या की पहचान उसी समय हो गई थी। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली थी। उसके पिता तेलंगाना में इंजीनियर हैं।

बाकी के दोनों छात्र कौन?

रविवार को दो अन्य की पहचान उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की श्रेया यादव व केरल के एर्नाकुलम के नेविन डाल्विन के रूप में हुई। ये तीनों राजेंद्र नगर में ही अलग-अलग पीजी में रहते थे। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद दोनों छात्राओं के शव स्वजन को सौंप दिए गए। नेविन के स्वजन अभी दिल्ली नहीं पहुंचे हैं।

विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि रविवार को एफएसएल की टीम ने कोचिंग सेंटर से सुबूत जुटाकर जांच के लिए लैब भेज दिए। पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में तीनों के पानी में डूबने से मौत की पुष्टि हुई है।

बेसमेंट में पढ़ रहे थे 35 छात्र

शनिवार शाम तेज वर्षा से सड़क पर करीब पांच फीट तक पानी भर गया था। तब कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में करीब 35 छात्र पढ़ रहे थे। शाम करीब सात बजे सड़क पर कुछ बड़े वाहनों के यूटर्न लेने पर पानी के प्रेशर से बेसमेंट की सीढि़यों पर लगे कांच का दरवाजा टूट गया, जिससे तेज बहाव के साथ चंद मिनटों में वहां पानी भर गया।

हालात बिगड़ने पर दी पुलिस को जानकारी

आनन-फानन छात्र बाहर निकलने लगे। शॉर्ट सर्किट से बिजली भी चली गई। दो छात्राएं और एक छात्र अंदर ही फंसे रह गए और उनकी मौत हो गई। कोचिंग सेंटर संचालकों ने स्थिति को पहले खुद संभालने का प्रयास किया और जब हालात बिगड़ गए तब जाकर पुलिस व दमकलकर्मियों को सूचना दी गई।

हादसे के बाद रात को ही दोनों को बुलाया

पुलिस ने मौके पर पहुंचने पर शनिवार को ही गुरुग्राम के सेक्टर-48 में रहने वाले कोचिंग सेंटर मालिक अभिषेक गुप्ता और गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाले कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को बुलाया था और उन्हें हिरासत में ले लिया था। रविवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

निगम व पुलिस के विरुद्ध की नारेबाजी

अपने साथियों की मौत से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने रविवार को बड़ी संख्या में ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल के सामने जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों ने सरकार, पुलिस और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों के गुस्से को देखते हुए बड़ी संख्या में अर्धसैनिक और पुलिस बल तैनात रहा। उत्तरी रेंज के दोनों जिले के सभी एसीपी और इंस्पेक्टरों को भी मौके पर बुला लिया गया। 

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सिर्फ स्टोर बनाने की अनुमति, चल रही थी लाइब्रेरी

कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल किराये की बिल्डिंग में चल रहा है। वर्ष 2021 में यह बिल्डिंग बनी है, जिसके चार मालिक हैं। इनमें सरबजीत, तेजिंदर, हरविंदर व परमिंदर शामिल हैं। हादसे में लापरवाही को लेकर इनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।

पुलिस के अनुसार, फायर विभाग व नगर निगम ने बिल्डिंग के बेसमेंट में केवल स्टोर बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन यहां लाइब्रेरी संचालित की जा रही थी।

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