Delhi Earthquake Updates: केजरीवाल सरकार ने HC में कहा- भूकंपरोधी इमारतों संबंधी आदेशों का हो रहा है पालन
Delhi Earthquake Updates देश की राजधानी दिल्ली सीसमिक जोन-फोर में है और 2005 के बाद किए गए सभी निर्माण नियमों के तहत हुए हैं। इतना ही नहीं इस संबंध में दिल्ली सरकार की तरफ से तैयार की गई योजना को लागू किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददताा। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार और सभी नगर निगमों (उत्तरी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम) ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के संबंध में अदालत की तरफ से दिए गए आदेशों का अनुपालन किया जा रहा है। पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी दिल्ली निगमों निगमों ने हलफनामा दायर करके कहा कि इस संबंध में सभी हाई-राइज इमारतों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के माध्यम से भवन स्वामियों को कहा गया है कि वे अपने भवनों की स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट पेश करें और आदेश का अनुपालन नहीं करने पर उनके पानी और बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। यह भी कहा गया कि दिल्ली सीसमिक जोन-फोर में है और 2005 के बाद किए गए सभी निर्माण नियमों के तहत हुए हैं। इतना ही नहीं इस संबंध में दिल्ली सरकार की तरफ से तैयार की गई योजना को लागू किया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट याचिकाकर्ता व अधिवक्ता अर्पित भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई की जा रही है। अर्पित ने इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के लिए समय पर एक्शन प्लान लागू करने के लिए निगरानी समिति गठित करने की मांग है। उन्होंने कहा कि प्राधिकारियों को सुपरवाइज करने के लिए इस तरह की निगरानी समिति की जरूरत है। अर्पित भार्गव ने कहा था कि दिल्ली में 10 से 15 फीसदी निर्माण नियमों के तहत हुए हैं।
इसके अलावा दिल्ली में करीब 1,700 अनधिकृत कॉलोनी हैं जिनके निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया गया है। इनमें करीब 50 लाख लोग रहते हैं। भूकंप आने की दशा में वहां बड़ा नुकसान हो सकता है। आम लोगों के लिए यह बड़ी क्षति होगी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि भूकंप आने की दशा में लोगों को क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए उसके बारे में जागरूक किया जाए।
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