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Delhi Court: कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव समेत दो के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि झारखंड राज्य में स्थित कोल ब्लॉक हुटार और हुरिलोंग के आवंटन से संबंधित कोयला ब्लाक आवंटन मामले में पांच मार्च को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि कंपनी के खिलाफ गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा एचसी गुप्ता और केएस क्रोफा के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत ठोस अपराध का आरोप बनता है।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu SumanUpdated: Thu, 08 Feb 2024 06:21 PM (IST)
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कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव समेत दो के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन मामले में अदालत ने कान्स्टिस्टील लिमिटेड, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि झारखंड राज्य में स्थित कोल ब्लाक हुटार और हुरिलोंग के आवंटन से संबंधित कोयला ब्लाक आवंटन मामले में पांच मार्च को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने कहा कि कंपनी के खिलाफ गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, एचसी गुप्ता और केएस क्रोफा के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत ठोस अपराध का आरोप बनता है।

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अदालत ने कहा कि साजिशें गुप्त रूप से रची जाती हैं। घटनाओं का कालक्रम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आरोपितों के कृत्यों में सह-संबंध और सुसंगतता थी और इस प्रकार एक साजिश की उपस्थिति का संकेत मिलता है।

निजी व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाया

अदालत ने कहा कि भारत सरकार के कोयला मंत्रालय से धोखाधड़ी कर कोल ब्लॉक आवंटन के लिए पांच अगस्त 2008 का प्रस्ताव पत्र प्राप्त कर लिया गया। लोक सेवकों ने निजी व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। अदालत ने कहा कि यह एक उपयुक्त मामला है जहां साजिश का आरोप भी बनता है।

आवंटन के लिए अयोग्य कंपनी की सिफारिश

अदालत के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया कि गुप्ता और क्रोफा ने प्रकाशित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया और पारस्परिक योग्यताओं के आवेदन को सुनिश्चित नहीं किया और कोल ब्लॉकों के आवंटन के लिए अयोग्य कंपनी की सिफारिश की गई।

एचसी गुप्ता ने पीएम को किया था गुमराह

अदालत के समक्ष यह भी प्रस्तुत किया गया कि एचसी गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भी गुमराह किया था कि इस कंपनी की झारखंड राज्य ने जोरदार सिफारिश की है। जबकि झारखंड राज्य ने इस कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध किया था।

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