घरेलू रसोई, क्लाउड किचन, रेस्तरां और औद्योगिक रसोई का परफेक्ट सॉल्यूशन है कॉम्बिनेशन कुकिंग टेक्नोलॉजी: सनंदन सुधीर
इस तकनीक में भोजन की बर्बादी बिलकुल नहीं होती सर्वोत्तम गुणवत्ता-मानक की गारंटी होती है और एसओपी-आधारित खाना पकाना संभव होता है जिससे अधिकाधिक संख्या में आउटलेट खोलना संभव हो पाता है। सबसे बड़ी बात ऑन2कुक भविष्य की डिवाइस है जो ऑटोमेशन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे निरंतरता संबंधी चिंताओं का निराकरण होता है जो आवश्यक है।
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। मौजूदा लाइफस्टाइल में हर कोई समय की कमी का रोना रो रहा है। खासकर युवा, चाहे वो सिंगल हों या कपल। उसे घर, ऑफिस एक साथ संभालना होता है, ऐसे में यदि रोजाना दो घंटे से ज्यादा किचन में बिताना पड़े तो कॉरपोरेट लाइफ में इसे अफोर्ड नहीं किया जा सकता। ज्वाइंट फैमिली में किचन में खर्च औसत समय 6-8 घंटे का है। बाहर का खाना आपको डॉक्टर के पास भेज सकता है और किचन में रोज मिनिमम दो घंटे देने के लिए आपके पास हैं नहीं। ऐसे में रामबाण इलाज बनकर आयी है कॉम्बिनेशन कुकिंग टेक्नोलॉजी, जिसे समाहित किया गया है ऑन2कुक नामक एक कुकिंग डिवाइस में। अभी गुजरात में आयोजित हुए वाइब्रेंट गुजरात 2024 में ऑन2कुक ने लोगों को खासा आकर्षित किया। इस डिवाइस के आविष्कारक सनंदन सुधीर कहते हैं कि ऑन2कुक भोजन बनाने में लगने वाले समय में 50 प्रतिशत और एनर्जी में 70 प्रतिशत की सेविंग करता है, जबकि भोजन का स्वाद, पौष्टिकता, मिनरल्स आदि बने रहते हैं। इसके जरिये प्रति डिश खाना पकाने की औसत लागत 1-4 रुपए के बीच आती है, जबकि पारंपरिक तरीके से खाना पकाने में प्रति डिश औसत लागत 15-35 रुपए के बीच आती है।
और, यही वह क्वालिटी है जो इसे घरेलू रसोई से आगे बढ़कर क्लाउड किचन, रेस्तरां और किसी भी औद्योगिक इकाई या लंगर आदि के लिए बेहद उपयोगी बना देता है। हालांकि मौजूदा समय में अधिकांश क्लाउड किचन और रेस्तरां स्विगी और जोमैटो जैसे ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं के व्यवसाय पर निर्भर हैं। लेकिन वहां उन पर 10 मिनट में भोजन तैयार करने का दबाव रहता है, ताकि ग्राहक तक कम-से-कम समय में गर्म भोजन पहुंच सके। परिणाम यह होता है कि क्लाउड किचन और रेस्तरां में बिजली और गैस आधारित रसोई उपकरण हर समय चालू रहते हैं। इससे बहुत ज्यादा एनर्जी और स्पेस दोनों की बर्बादी होती है। भारत जैसे देश में स्पेस और एनर्जी दोनों बचाने की जरूरत है। यहीं पर ऑन2कुक की 6-इन-1 डिवाइस ऑल-इन-वन सॉल्यूशन देता है।
ऑन2कुक डिवाइस के आविष्कारक सनंदन सुधीर कहते हैं कि ऑन2कुक के जरिये प्रति डिश खाना पकाने की औसत लागत 1-4 रुपए के बीच आती है, जबकि इसके जरिये रेस्तरां और क्लाउड किचन जगह और बिजली बिल दोनों पर 50 प्रतिशत से अधिक की बचत करते हैं। इसे आप एक उदाहरण से समझें कि ऑन2कुक पर सीधे डीप फ्रीज में जमे हुए मोमोज को निकालकर उसे ठंडे पैन में 3 से 4 मिनट में खाने लायक मोमोज बना सकते हैं। यह डिवाइस किचन में एक तिहाई समय में भोजन तैयार कर देता है और वह भी पौैष्टिïकता से भरपूर। जाहिर है इससे अधिक संख्या में ऑर्डर ले सकते हैं। यह रेस्तरां, क्लाउड किचन, एग्रीगेटर्स और यहां तक कि ग्राहकों के लिए भी फायदे का सौदा है।
यह डिवाइस एनर्जी और जगह तो बचाती ही है, लेबर कॉस्ट भी कम करती है और शेफ/रसोइयों का कुशल उपयोग संभव हो पाता है। इस तकनीक से व्यंजनों का मानकीकरण होता है, निरंतरता संबंधी चिंताओं का निराकरण होता है, साथ ही कौन-सा भोजन कब बना, इसका सटीक डेटा उपलब्ध रहता है। इस तकनीक में भोजन की बर्बादी बिलकुल नहीं होती, सर्वोत्तम गुणवत्ता-मानक की गारंटी होती है और एसओपी-आधारित खाना पकाना संभव होता है, जिससे अधिकाधिक संख्या में आउटलेट खोलना संभव हो पाता है। सबसे बड़ी बात ऑन2कुक भविष्य की डिवाइस है जो ऑटोमेशन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सनंदन सुधीर कहते हैं, यह डिवाइस शैलो फ्राई, एयर फ्राई, डीप फ्राई, ग्रिल से लेकर धीमी आंच एवं तेज आंच दोनों में बिना विटामिन, मिनरल्स आदि की बर्बादी किए पूरी पौष्टिïकता और स्वाद से खाना पका सकता है। इसके जरिये 5 मिनट में केक या मिनट भर में पिज्जा बना सकते हैं। मोमोज उबाल सकते हैं या मछली पका सकते हैं। मिनटों में पनीर, सैंडविच, चिकन, बर्गर पैटीज और सब्जियों को मिनटों में भून सकते हैं और केवल 7 मिनट में चिकन करी या बटर चिकन बना सकते हैं। यही नहीं आप इस उपकरण के साथ टिक्की जैसे व्यंजनों को एयर-फ्राई कर सकते हैं, फ्रोजन फूड से परोसने लायक खाना तैयार कर सकते हैं, भरवां परांठे बना सकते हैं, यहां तक कि मैगी केवल 2 मिनट में बना सकते हैं। फ्रोजन फूड को बिना गर्म किए सीधा खाने लायक बना सकते हैं। ये सारे गुण किसी भी क्लाउड किचन, क्विक सर्विस रेस्तरां, औद्योगिक रसोई, लंगर आदि के लिए आवश्यक शर्त है।
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