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दर्शन ही नहीं प्रभु राम के मंदिर निर्माण में अर्पण का सपना भी हुआ साकार, चंदा देकर बोले पाक शरणार्थी

शरणार्थियों की बस्ती में निधि संग्रह के लिए आने वाले दंपति भूपेंद्र सरीन व रीना सरीन के अलावा देवेंद्र यादव व अनिल पांडेय स्थानीय भाजपा संगठन में पदाधिकारी हैं। भूपेंद्र ने बताया कि बस्ती के प्रधान ने फोन कर उन लोगों को यहां आने की दरख्वास्त की थी।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 15 Feb 2021 06:08 PM (IST)
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दर्शन ही नहीं प्रभु राम के मंदिर निर्माण में अर्पण का सपना भी हुआ साकार
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अयोध्या में प्रभु राम जन्मस्थान मंदिर निर्माण के लिए अर्पण कर पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी भाव विहल हैं। मजनूं का टीला गुरुद्वारे से सटकर यमुना नदी के किनारे बस्ती में कोई 130 हिंदू शरणार्थी परिवार रहता है। जहां के लोगों ने मंदिर निर्माण में खुद ही बुलाकर संग्रहकर्ता टोली को अर्पण राशि अर्पित की है। रविवार और सोमवार दो दिन निधि संग्रह का अभियान चला। यहीं नहीं यहां के लोगों ने टोली को सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बसे करीब 100 और शरणार्थी परिवारों से भी अर्पण कराया। तो भी कुछ लोग अर्पण से रह गए हैं। उनके लिए टोली आगे भी इस बस्ती में जाएगी।

एक हिंदू परिवार के मुखिया धर्मवीर ने कहा कि यह हमारे लिए पूर्वजों के सैकड़ों साल के सपने के पूरा होने जैसा है। अगर हम पाकिस्तान में ही होते तो शायद यह भी मौका नहीं मिलता। यहां के अधिकतर लोग मजदूरी करते हैं। कुछ को काम मिलता है, कुछ बेरोजगार हैं। फिर भी अर्पण में ऐसे बढ़चढ़कर भाग लिया, जैसे कि प्रभु राम उनके दरवाजे उतर आए हो। बच्चे भी उत्साह से इकट्ठे हो गए।

शरणार्थियों की बस्ती में निधि संग्रह के लिए आने वाले दंपति भूपेंद्र सरीन व रीना सरीन के अलावा देवेंद्र यादव व अनिल पांडेय स्थानीय भाजपा संगठन में पदाधिकारी हैं। भूपेंद्र ने बताया कि बस्ती के प्रधान सोनादास व दयालदास ने फोन कर उन लोगों को यहां आने की दरख्वास्त की थी। हम लोग भी उनसे मिलने को आतुर थे।

सोनादास ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से जब अयोध्या में मंदिर निर्माण का फैसला आया था तब इस शरणार्थी शिविर में 24 घंटे का हवन पूजन अनुष्ठान हुआ था। उसी समय शरणार्थियों का एक दल अयोध्या में प्रभु राम का जन्म स्थान भी देखने गया था।

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