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15 साल से भारत में रह रही पाकिस्तानी महिला को फिलहाल नहीं जाना पड़ेगा वापस

दिल्ली हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय के लीव-इंडिया नोटिस को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार महिला को भारत की नागरिकता देने पर विचार करे।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 29 May 2019 10:25 AM (IST)
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15 साल से भारत में रह रही पाकिस्तानी महिला को फिलहाल नहीं जाना पड़ेगा वापस
नई दिल्ली, जेएनएन। शादी करने के बाद पति के साथ भारत में रह रही पाकिस्तानी महिला को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय के लीव-इंडिया नोटिस को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार महिला को भारत की नागरिकता देने पर विचार करे। इसके साथ ही एकल पीठ द्वारा सात फरवरी को दिए गए 15 दिन में महिला को देश छोड़ने के आदेश को भी रद कर दिया गया।

महिला के पति ने याचिका दायर कर एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने कहा कि देशांतरण का आदेश देने से पहले केंद्र सरकार ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया, इसलिए लीव-इंडिया नोटिस को रद किया जाता है। साथ ही मुख्य पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह महिला की नागरिकता के आवेदन पर विचार करे।

पीठ ने इसके साथ ही केंद्र सरकार की उस दलील को भी दरकिनार कर दिया, जिसमें सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया था। मुख्य पीठ ने कहा कि उनके समक्ष पेश किए तथ्य एवं दस्तावेज पाक महिला के खिलाफ कदम उठाने के लिए पर्याप्त नहीं है। हालांकि, इससे पूर्व केंद्र सरकार ने कहा था कि भारत सरकार के पास अप्रतिबंधित अधिकार हैं कि वह किसी विदेशी नागरिक को बगैर कारण बताओ नोटिस जारी किए देश से बाहर निकाल सकती है।

क्या है मामला

37 वर्षीय महिला ने गृह मंत्रालय द्वारा 23 फरवरी तक देश छोड़ने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे एकल पीठ ने 28 फरवरी को खारिज कर दिया था। पाक महिला वर्ष 2005 में भारत आई थी। वह तभी से अपने पति और दो बच्चों के साथ दिल्ली में ही रह रही है। 

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