दिल्ली के अभिभावकों के लिए खुशखबरी, बच्चे के जन्म के चार साल बाद भी जन्मप्रमाण पत्र में आनलाइन जोड़ सकेंगे नाम
Delhi Birth Certificate दिल्ली में अब बच्चे के जन्म के चार साल बाद भी जन्मप्रमाण पत्र में आनलाइन नाम जुड़वा सकते हैं। दिल्ली नगर निगम की तरफ से यह सुविधा दी गई है। जल्द ही इसकी मंजूरी मिल जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi Birth Certificate: राजधानी दिल्ली के लोगों को राहत भरी खबर है। दिल्ली में अब बच्चे के जन्म के चार साल बाद भी जन्मप्रमाण पत्र में आनलाइन नाम जुड़वा सकते हैं। दिल्ली नगर निगम की तरफ से यह सुविधा दी गई है। जल्द ही इसकी मंजूरी मिल जाएगी।
निगम के अधिकारी ने बताया कि पहले ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत नाम जुड़ने में आठ से दस दिन का समय लग जाता था, लेकिन अब अभिभावक बच्चे के जन्म के चार साल बाद भी आनलाइन लाइन जुड़वा सकते हैं। उन्हें निगम के चक्कर काटने से भी पूरी तरह निजात मिल जाएगी। दरअसल, कई बार अभिभावकों को बच्चे के जन्म के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, लेकिन सर्टिफिकेट के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी।
दरअसल, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम-1949 के तहत यदि ‘‘किसी भी बच्चे का जन्म से जुड़ा पंजीकरण बिना नाम के किया गया है तो ऐसे बच्चे के माता-पिता या अभिभावक निर्धारित अवधि के भीतर रजिस्ट्रार को मौखिक या लिखित रूप से बच्चे के नाम के बारे में जानकारी देंगे। उसके बाद रजिस्ट्रार ‘रजिस्टर’ में उस नाम को दर्ज करेगा।” दिल्ली नगर निगम की ओर से उपलब्ध संसाधनों से नागरिकों को बेहतर सुविधा देने की पूरी कोशिश की जाएगी।
दूसरी तरफ राजधानी में सबसे पिछड़ा उत्तर पूर्वी जिले को माना जाता है। हो भी क्यों न, 18 साल के लंबे इंतजार के बाद भी शास्त्री पार्क में कन्वेंशन सेंटर बनकर तैयार नहीं हो पाया है। इसी से यहां के विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थानीय लोग दिल्ली विकास प्राधिकरण डीडीए का मुंह तक रहे हैं। इस आस में जी रहे हैं कि कभी न कभी तो सेंटर बनकर तैयार होगा और उसकी सुविधा का लाभ ले सकेंगे। लेकिन उनकी तमन्ना कब पूरी होगी, कोई कुछ नहीं कह सकता।
कलाकारों के हुनर को एक मंच देने के लिए वर्ष 2004 में तत्कालीन सांसद लाल बिहारी तिवारी ने डीडीए की जमीन पर कन्वेंशन सेंटर का शिलान्यास किया था। साल दर साल गुजरते गए, लेकिन सेंटर तैयार नहीं हो सका। अब जाकर उसका भवन लगभग तैयार हुआ है, लेकिन अंतिम रूप कब दिया जाएगा इसका किसी को कुछ नहीं पता। यहां के स्थानीय लोग सेंटर बनने में देरी होने पर जनप्रतिनिधियों के साथ ही डीडीए से खफा हैं।