Parliament Incident: लोकसभा में खुद को आग के हवाले करने वाले भी थे आरोपी, आगे का खौफनाक प्लान जानकर रहे जाएंगे दंग
संसद भवन की सुरक्षा में सेंध मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है जांच एजेंसियों के सामने नई-नई तरह की बातें सामने आ रही हैं। आरोपितों से पूछताछ और जांच से पता चला है कि इनकी योजना संसद व अंदर व बाहर धुआं-धआं कर देने की थी। इसके लिए इन्होंने मुंबई से चीन निर्मित सात कलर स्मोक क्रैकर खरीदे थे।
By Rakesh Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 16 Dec 2023 08:34 PM (IST)
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। Parliament Security Breach: संसद भवन की सुरक्षा में सेंध मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, जांच एजेंसियों के सामने नई-नई तरह की बातें सामने आ रही हैं। आरोपितों से पूछताछ और जांच से पता चला है कि इनकी योजना संसद व अंदर व बाहर धुआं-धआं कर देने की थी। इसके लिए इन्होंने मुंबई से चीन निर्मित सात कलर स्मोक क्रैकर खरीदे थे।
ऐसा करने पर आरोपितों को देश-विदेश की मीडिया के जरिए बड़ा कवरेज मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सांसदों से अधिक पास न मिल पाने व सुरक्षा कारणों से अधिक आरोपित संसद के अंदर नहीं घुस पाए। केवल दो आरोपित ही अंदर घुस पाए, जिनमें एक ही अपने जूते में छिपाकर स्मोक क्रैकर अंदर ले जा पाया।
सिर्फ सुर्खियां बटोरना था मकसद
संसद भवन के बाहर भी केवल दो आरोपित ही स्मोक क्रैकर चला नारेबारी कर पाए, जिससे आरोपिति अपने मकसद में अधिक कामयाब नहीं हो पाए। सभी प्लान के पीछे मकसद सिर्फ सुर्खियां बटोरना था ताकि भविष्य में नई राजनीतिक पार्टी बनाई जा सके।कई प्लान बना रखे थे आरोपियों ने
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) की काउंटर इंटेलीजेंस, संसद भवन की सुरक्षा में सेंध मामले की जांच कर रही है, लेकिन सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां उन्हें जांच में सहयोग कर रही हैं। पुलिस के मुताबिक डेढ़ साल से सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन करने की योजना बना रहे आरोपितों द्वारा तीन-चार तरह के प्लान बनाने के बारे में जानकारी मिली है।
आत्मदाह करने की थी योजना
इनका पहला प्लान संसद भवन के अंदर व बाहर नारेबाजी करने व प्रदर्शन करने की थी। दूसरा प्लान दो-दो आरोपितों द्वारा अंदर और बाहर में आत्मदाह करने की थी। इसके लिए सभी ने गूगल से सर्च कर व अन्य तरीके से कोई एक जेल (केमिकल) खरीदने की कोशिश की, जिसके लगाने से उन्हें नुकसान न पहुंचे।आरोपियों में नहीं थी आम सहमति
आग बुझा देने पर उनकी जान बच जाए और उनका मकसद भी पूरा हो जाए। इसके लिए कुछ आरोपितों ने मिलकर पैसे भी इकट्ठा किए। लेकिन जेल खरीदने से पहले इस निर्णय पर आम सहमति न बन पाने पर इसे प्लान को भी रद्द कर दिया गया। आरोपितों ने विचार किया कि संसद भवन के बाहर आत्मदाह पहले भी कई लोग कर चुके हैं लेकिन उन्हें मीडिया कवरेज नहीं मिला।
इसलिए दूसरा प्लान रद्द हो गया। इसके बाद 13 दिसंबर की सुबह आरोपितों ने अचानक तीसरा प्लान बनाया। इस पलान के तहत दो आरोपित संसद के अंदर व दो बाहर में रहकर वारदात को अंजाम दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।