Parliament Security Breach: भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करना था मकसद, संसद को धुआं-धुआं करने वालों पर पुलिस का खुलासा
Parliament Security Breach संसद में सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों का मकसद वैश्विक प्रसिद्धि हासिल करना था। साथ ही भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करना था। सभी आरोपियों ने घटना के पहले कई बैठकें मैसूर दिल्ली और गुरग्राम में की थीं। 2001 के संसद हमले की बरसी पर पिछले साल वारदात को अंजाम देने के लिए दो साल तक साजिश रची थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 13 दिसंबर 2023 को संसद के अंदर व बाहर कलर स्मोक क्रेकर से पीले रंग का धुंआ छोड़ने वाले आरोपी भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने व वैश्विक प्रसिद्धि हासिल करने के मकसद से ऐसी हरकत की थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में यह बात कही है।
सभी आरोपी पहली बार इंटरनेट मीडिया पर मिले थे और 2001 के संसद हमले की बरसी पर पिछले साल वारदात को अंजाम देने के लिए दो साल तक साजिश रची थी।
100 पन्नों की चार्जशीट, पहली बैठक मैसूर में हुई
उनकी पहली बैठक फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी। अपनी योजना को अंतिम रूप देने के लिए आरोपी मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में पांच बैठकें कीं थी। एक हजार पन्नों से अधिक की चार्जशीट जून में पटियाला हाउस कोर्ट में दायर की गई थी और अदालत ने पिछले माह इसका संज्ञान लिया था। जुलाई में एक पूरक आरोप पत्र भी दायर किया गया था।मनोरंजन डी मुख्य साजिशकर्ता
आरोप पत्र में कहा गया है कि कर्नाटक का रहने वाला मनोरंजन डी के नेतृत्व में युवाओं का समूह इंटरनेट मीडिया पर मिला था। मनोरंजन दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों में एक है। मनोरंजन पर संसद सुरक्षा में चूक के मुख्य साजिशकर्ताओं में एक होने का संदेह है, जिसने युवाओं को एकजुट कर संसद को निशाना बनाने के लिए उकसाया था।
अति माओवादी-प्रेरित सोच" से प्रेरित मनोरंजन ने संसद भवन को निशाना बनाने का फैसला किया था। आरोपी एक व्यापक संदेश भेजना चाहता था कि "भारतीय लोकतंत्र अप्रभावी है और इसे बदलने की जरूरत है"।
पिछले साल दिसंबर में संसद में छोड़ा धुआं
2001 के संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक का मामला हुआ था। आरोपी ने 13 दिसंबर 2023 को शून्यकाल के दौरान संसद भवन के अंदर और बाहर कलर स्मोक क्रेकर से पीले रंग का धुआं छोड़ा था। दो व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजन डी सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। इससे पहले कि सांसद उन पर काबू पाते, उन्होंने नारे भी लगाए थे।
उसी समय संसद परिसर के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने भी तानाशाही नहीं चलेगी चिल्लाते हुए कलर स्मोक क्रेकर से पीले रंग का धुआं छोड़ा था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।