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Parliament Security Breach: भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करना था मकसद, संसद को धुआं-धुआं करने वालों पर पुलिस का खुलासा

Parliament Security Breach संसद में सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों का मकसद वैश्विक प्रसिद्धि हासिल करना था। साथ ही भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करना था। सभी आरोपियों ने घटना के पहले कई बैठकें मैसूर दिल्ली और गुरग्राम में की थीं। 2001 के संसद हमले की बरसी पर पिछले साल वारदात को अंजाम देने के लिए दो साल तक साजिश रची थी।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 08 Sep 2024 10:02 PM (IST)
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संसक के लोकसभा कक्ष में धुआं के स्मोक क्रेकर छोड़े गए थे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 13 दिसंबर 2023 को संसद के अंदर व बाहर कलर स्मोक क्रेकर से पीले रंग का धुंआ छोड़ने वाले आरोपी भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने व वैश्विक प्रसिद्धि हासिल करने के मकसद से ऐसी हरकत की थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में यह बात कही है।

सभी आरोपी पहली बार इंटरनेट मीडिया पर मिले थे और 2001 के संसद हमले की बरसी पर पिछले साल वारदात को अंजाम देने के लिए दो साल तक साजिश रची थी।

100 पन्नों की चार्जशीट, पहली बैठक मैसूर में हुई

उनकी पहली बैठक फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी। अपनी योजना को अंतिम रूप देने के लिए आरोपी मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में पांच बैठकें कीं थी। एक हजार पन्नों से अधिक की चार्जशीट जून में पटियाला हाउस कोर्ट में दायर की गई थी और अदालत ने पिछले माह इसका संज्ञान लिया था। जुलाई में एक पूरक आरोप पत्र भी दायर किया गया था।

मनोरंजन डी मुख्य साजिशकर्ता

आरोप पत्र में कहा गया है कि कर्नाटक का रहने वाला मनोरंजन डी के नेतृत्व में युवाओं का समूह इंटरनेट मीडिया पर मिला था। मनोरंजन दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों में एक है। मनोरंजन पर संसद सुरक्षा में चूक के मुख्य साजिशकर्ताओं में एक होने का संदेह है, जिसने युवाओं को एकजुट कर संसद को निशाना बनाने के लिए उकसाया था।

अति माओवादी-प्रेरित सोच" से प्रेरित मनोरंजन ने संसद भवन को निशाना बनाने का फैसला किया था। आरोपी एक व्यापक संदेश भेजना चाहता था कि "भारतीय लोकतंत्र अप्रभावी है और इसे बदलने की जरूरत है"।

पिछले साल दिसंबर में संसद में छोड़ा धुआं

2001 के संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक का मामला हुआ था। आरोपी ने 13 दिसंबर 2023 को शून्यकाल के दौरान संसद भवन के अंदर और बाहर कलर स्मोक क्रेकर से पीले रंग का धुआं छोड़ा था। दो व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजन डी सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। इससे पहले कि सांसद उन पर काबू पाते, उन्होंने नारे भी लगाए थे।

उसी समय संसद परिसर के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने भी तानाशाही नहीं चलेगी चिल्लाते हुए कलर स्मोक क्रेकर से पीले रंग का धुआं छोड़ा था।

सभी आरोपी तिहाड़ में बंद

मनोरंजन, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम आजाद को उनके कृत्य के तुरंत बाद पकड़े जाने पर उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। ललित झा और महेश कुमावत को 15 और 16 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी तिहाड़ जेल में बंद हैं।

देशद्रोह में दर्ज है मामला

उन पर दिल्ली पुलिस की आतंकवाद विरोधी इकाई, स्पेशल सेल द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज है। मनोरंजन ने इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ दिया था और 2014 में कंबोडिया की यात्रा की थी, जहां वह आठ महीने तक रहा था।

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भारत वापस आने के बाद उसने 2015 में मोटरसाइकिल पर लद्दाख की यात्रा की थी, जो क्यूबा के क्रांति कम्युनिस्ट आइकन चे गुवेवारा द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध "मोटरसाइकिल डायरीज़" को "प्रतिबिंबित" करती है। उसकी लद्दाख यात्रा के दौरान एक चीनी छात्र जो उस समय हैदराबाद में पढ़ रहा था, मध्य प्रदेश और राजस्थान होते हुए दिल्ली तक उसके साथ पीछे की सीट पर बैठकर आया था।