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Parliament Security Breach: मैसूर में पहली मुलाकात, नागौर में जलाया फोन; साजिश में बड़े नाम शामिल! खुले कई राज

Parliament Security Breach संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का षड्यंत्र आरोपितों ने छह वाट्सएप ग्रुप के जरिये रचा था। आरोपितों ने ये छह वाट्सएप ग्रुप भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद नाम से बनाए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मेटा कंपनी के अधीन मैसेंजर एप वाट्सएप से आरोपितों के सभी ग्रुपों का डेटा मांगा है। साजिश में बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 20 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का षड्यंत्र आरोपितों ने छह वाट्सएप ग्रुप के जरिये रचा था।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का षड्यंत्र आरोपितों ने छह वाट्सएप ग्रुप के जरिये रचा था। आरोपितों ने ये छह वाट्सएप ग्रुप भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद नाम से बनाए थे। इसके जरिये सभी एक दूसरे के संपर्क में थे और हंगामा करने के लिए संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने की योजना बनाई थी। करीब डेढ़ साल पहले फेसबुक के जरिये संपर्क में आने की आरोपितों की दलीलें जांच एजेंसियों को हज्म नहीं हो रही हैं।

संसद के अंदर और बाहर का वीडियो साझा

जांच एजेंसियों का मानना है कि इस साजिश में कुछ बड़े नाम हो सकते हैं। भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम से बनाए छह वाट्सएप ग्रुपों में आरोपितों ने संसद के अंदर और बाहर का वीडियो साझा किए थे। इसके साथ ही कुछ फिल्मों की क्लिप भी साझा की थी। स्पेशल सेल की एक बड़ी टीम को सिर्फ आरोपितों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट खंगालने के लिए ही लगाया गया है।

सिग्नल एप का इस्तेमाल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मेटा कंपनी के अधीन मैसेंजर एप वाट्सएप से आरोपितों के सभी ग्रुपों का डेटा मांगा है। हर ग्रुप के सदस्यों की संख्या, उनके नंबर और उनके बीच की गई चैट आदि की जानकारी जल्द मुहैया कराने के लिए कहा गया है। जांच एजेंसियों को किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में इसलिए भी देरी हो रही हैं, क्योंकि अब तक उन्हें किसी भी आरोपित का मोबाइल फोन नहीं मिला हैं। साजिश का प्रवर्तन एजेंसियों का पता नहीं चले, इसके लिए आपस में बातचीत के लिए सिग्नल एप का इस्तेमाल किया गया था।

मैसूर में पहली मुलाकात

असल में एंड टू एंड इंक्रिप्शन की वजह से सिग्नल एप का डेटा उपलब्ध नहीं होता है। सिग्नल एप की कंपनी का दावा है कि डेटा उनके पास होता ही नहीं है। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि एक साल पहले कर्नाटक के मैसूरु में पहली मुलाकात के बाद अन्य जगहों पर इनकी बैठकें होती रही हैं। लखनऊ के रहने वाले ई-रिक्शा चालक आरोपित सागर शर्मा की मैसूर की यात्रा का खर्च मनोरंजन गौड़ ने उठाने की बात कुबूल की है। जांच एजेंसियों की मानें तो आरोपितों की संसद भवन के अंदर पर्चे फेंककर शहीद भगत सिंह के तरीके को दोहराने की योजना भी थी।

आरोपितों के मोबाइल नंबरों के सिम कार्ड फिर जारी कराने का प्रयास

संसद भवन में 13 दिसंबर को कलर स्मोक क्रैकर का धुआं छोड़ने के बाद कथित मास्टरमाइंड ललित झा ने आरोपित सागर शर्मा, मनोरंजन गौड़, अमोल शिंदे और नीलम आजाद के मोबाइल फोन राजस्थान के नागौर स्थित एक होटल के पास जलाने का दावा किया है। इन चारों आरोपितों के मोबाइल नंबरों के सिमकार्ड फिर से जारी कराने की कोशिश की जा रही है।

संसद भवन में किया क्राइम सीन का रिक्रिएशन

सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने शनिवार को संसद भवन के अंदर क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया। इस दौरान सुरक्षा जांच करने वाले अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए थे। दो अधिकारियों में से एक को आरोपित सागर शर्मा और दूसरे को मनोरंजन गौड़ बनाकर संसद भवन के अंदर प्रवेश कराया गया।

सुरक्षा में लगे कर्मियों के बयान भी जल्द दर्ज होंगे

सूत्रों के मुताबिक, यह समिति संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच तो कर ही रही है, इसके साथ ही खामियों की भी पड़ताल कर रही है, ताकि इनकी रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा को और दुरुस्त किया जा सके। इसके साथ ही जांच एजेंसियां वारदात के दिन संसद की सुरक्षा में लगे निलंबित किए गए आठ कर्मियों के बयान भी जल्द दर्ज करेंगी।

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