Delhi Airport: IGI एयरपोर्ट पर लगी लंबी कतार, पैर रखने को तक जगह नहीं; यात्रियों में नाराजगी
IGI Airport Delhi दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतारें लग रही हैं। इससे यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि हर जगह पर लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है। 15 अगस्त को देखते हुए सुरक्षा जांच के कारण एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ जमा हो जा रही है।
गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport Delhi) पर लगने वाली लंबी कतारों से यात्री काफी नाराज हैं। यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर प्रवेश से लेकर सुरक्षा जांच प्रक्रिया पूरी होने के दौरान 20 मिनट से लेकर पौने घंटा तक कतार में खड़े रहने की मजबूरी यात्रा की सबसे बड़ी परेशानी है। सबसे ज्यादा समस्या सुबह की उड़ानों के समय हो रही है।
यात्री अपनी नाराजगी एक्स पर पोस्ट कर रहे हैं। एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी डायल ने यात्रियों द्वारा किए गए पोस्ट पर उत्तर देते हुए कहा कि 15 अगस्त के कारण अभी सुरक्षा जांच को लेकर सतर्कता का स्तर अधिक है, इसलिए अभी जांच की प्रक्रिया में थोड़ा ज्यादा समय लग रहा है।
डिजियात्रा कतार की लंबाई भी अधिक
यात्रियों का कहना है कि जिस डिजियात्रा को आसान यात्रा का पर्याय बताया जाता है, वहां भी कतार की लंबाई कम नहीं है। एक यात्री ने तो यहां तक कहा कि इन दिनों एयरपोर्ट पर डिजियात्रा व नान डिजियात्रा दोनों के कतारों की लंबाई समान हो चुकी है। ऐसे में डिजियात्रा का भला क्या फायदा। संजीव श्रीवास्तव नामक यात्री ने कहा कि टर्मिनल-3 पर डिजियात्रा कतार की लंबाई सामान्य सुरक्षा जांच कतार की लंबाई से अधिक हो चुकी है।एक यात्री ने रविवार के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वे एयरपोर्ट पर उड़ान के तय समय से करीब तीन घंटे पहले पहुंचे। लेकिन फिर भी उनकी परेशानी कम नहीं हुई, बड़ी मुश्किल से उड़ान ले सके। उन्होंने कहा कि टर्मिनल में प्रवेश के लिए 20 मिनट का समय लगा।
इसके बाद सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को पूरा करने में करीब 40 मिनट का समय लग गया। इस बीच 40 मिनट का समय कस्टम जांच व 40 मिनट का समय चेकइन प्रक्रिया को पूरा करने में लग गया।
सुरक्षा जांच बड़ा बोटलनेक
एक्स पर एक यात्री ने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच सबसे बड़ा बोटलनेक है। खासकर 15 अगस्त को देखते हुए इन दिनों यह प्रक्रिया काफी कष्टकर है। इसका उपाय ढूंढा जाना चाहिए। संगीता गोस्वामी ने नौ अगस्त की यात्रा से जुड़ा अपना अनुभव बयां करते हुए पोस्ट किया है कि केवल सुरक्षा जांच में उन्हें डेढ़ घंटे लग गए।
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा जांच के दौरान पूरी व्यवस्था अस्तव्यस्त थी। गेजेट्स को लोग ट्रे में रखें इसके लिए कोई टेबल नहीं था। हर जगह भीड़ ही भीड़ थी।
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