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Railway News: बरौनी और दरभंगा हमसफर से कभी समय पर नहीं पहुंचेंगे यात्री, सामने आई वजह

भारतीय रेलवे की बरौनी हमसफर और दरभंगा हमसफर ट्रेनें अक्सर देरी से चल रही हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। इन ट्रेनों का किराया हवाई जहाज के किराए के बराबर है लेकिन यात्रियों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। बरौनी हमसफर एक्सप्रेस पूरे साल में सिर्फ दो से तीन दिन एक घंटे से कम देरी से पहुंची है।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 08 Sep 2024 08:04 AM (IST)
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ट्रेनों के कई घंटों लेट होने से यात्री हो रहे परेशान। फाइल फोटो
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। हमसफर ट्रेन की शुरुआत यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए हुई थी। इसकी गिनती भी राजधानी, वंदे भारत, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में होती है। इसमें यात्रा करने के लिए यात्रियों को सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अधिक किराया देना पड़ता है।

अधिक किराया देकर यात्री बेहतर सेवा की उम्मीद करते हैं, परंतु दिल्ली से चलने वाली बरौनी हमसफर और दरभंगा हमसफर के यात्रियों को निराशा हाथ लगती है। हमसफर एक्सप्रेस का किराया हवाई जहाज की तरह मांग के आधार पर बढ़ता रहता है।

यात्रियों को नहीं मिल रही बेहतर सुविधाएं

अधिकतम 50 प्रतिशत तक इसमें वृद्धि होती है। परंतु, यात्रियों को बेहतर सेवा नहीं मिल रही है। नई दिल्ली-बरौनी हमसफर विशेष पूरे वर्ष में सिर्फ दो से तीन दिन एक घंटे से कम विलंब से पहुंची है। दिल्ली से यह समय पर रवाना होती है, परंतु बरौनी पहुंचते-पहुंचते चार से पांच घंटे विलंब हो जाता है।

बरौनी से यदि समय पर चलती भी है, तो छपरा तक आते-आते चार घंटे तक विलंब हो जाता है। पूरे वर्ष औसतन छह से सात घंटे के विलंब से दिल्ली पहुंची है।

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साल में 330 दिन हुई लेट

नई दिल्ली-दरभंगा हमसफर विशेष का भी यही हाल है। इस माह मात्र पांच दिन यह एक घंटे से कम विलंब से दरभंगा पहुंची है। पूरे वर्ष की बात करें तो 296 दिन यह एक घंटे से अधिक लेट रही है। पिछले एक वर्ष में 330 दिन लगभग छह घंटे के विलंब से आई है।

उत्तर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि दूसरे क्षेत्रीय रेलवे से दोनों ट्रेनें देरी से आती हैं। कई बार देरी से आने के कारण इसके प्रस्थान समय में बदलाव करना पड़ता है।

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