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हिंदी में आदेश पारित कर न्यायालय ने आरोपितों को किया तलब, दुर्व्यवहार और धमकाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में हुई सुनवाई

अंग्रेजी में कामकाज की परिपाटी से हटकर कड़कड़डूमा न्यायालय ने हिंदी में आदेश पारित किया है। एक व्यक्ति से मारपीट और उसकी पत्नी से दुर्व्यवहार कर कपड़े फाड़ने की शिकायत पर सुनवाई करते हुए महानगर दंडाधिकारी देव चौधरी के न्यायालय ने आरोपितों को मुकदमे का सामने करने के लिए तलब किया है इसके अलावा आदेश उन्होंने हिंदी में लिखा है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 14 Mar 2024 04:51 AM (IST)
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दिल्ली के कड़कड़डूमा न्यायालय ने हिंदी में आदेश पारित किया।(फोटो सोर्स: जागरण)

आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक प्रणाली में हिंदी का वर्चस्व बढ़ने लगा है। अंग्रेजी में कामकाज की परिपाटी से हटकर कड़कड़डूमा न्यायालय ने हिंदी में आदेश पारित किया है।

एक व्यक्ति से मारपीट और उसकी पत्नी से दुर्व्यवहार कर कपड़े फाड़ने की शिकायत पर सुनवाई करते हुए महानगर दंडाधिकारी देव चौधरी के न्यायालय ने आरोपितों को मुकदमे का सामने करने के लिए तलब किया है, जिसका आदेश उन्होंने हिंदी में लिखा है। सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय इस बाबत पहले ही अधीनस्थ न्यायालयों को निर्देश दे चुका है, जिसका असर दिखने लगा है।

आरोपी ने शिकायतकर्ता को धमकाया 

शिकायतकर्ता ने न्यायालय में दायर शिकायत में आरोप लगाया था कि एक सितंबर 2016 को वह अपनी पत्नी के साथ नंद नगरी थाना क्षेत्र के पास वजीराबाद रोड पर बस स्टैंड के पास खड़े थे, उसी दौरान आरोपित तौहीद अहमद उर्फ बादशाह, शफाक और नगवार ने आकर एक पुराना केस वापस लेने के लिए धमकाया।

आरोपितों ने उनसे मारपीट की और उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार कर कपड़े फाड़ दिए। यह भी आरोप लगाया था कि आरोपितों ने उनसे एक हजार रुपये छीन लिए थे। घटना स्थल पर लोगों की भीड़ ने आरोपितों को पकड़ भी लिया था। इस मामले पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन एफआइआर की जगह एनसीआर की गई थी।

एक आरोपी की हो चुकी है मृत्यु 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की। इसी मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 200 के तहत दंडाधिकारी न्यायालय में शिकायत दायर कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में न्यायालय ने हिंदी में आदेश पारित करते हुए कहा कि शफाक की मृत्यु हो चुकी है, इसलिए उसके खिलाफ आगे कार्यवाही नहीं हो सकती।

कोर्ट ने दोनों आरोपितों को किया तलब 

शिकायतकर्ता की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट और तथ्य प्रथम दृष्टया तौहीद और नागवार के विरुद्ध मारपीट व धमकी देने के आरोप में आगे की कार्यवाही पर्याप्त आधार है। ऐसे में आदेश दिया जाता है कि दोनों आरोपित मुकदमे का सामना करने के लिए तलब किया जाए। शिकायतकर्ता के वकील रक्षपाल सिंह ने बताया कि उनकी ओर हिंदी में सुनवाई के लिए प्रार्थना की गई थी।

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