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Delhi Hospitals: मरीजों के लिए गुड न्यूज, अब ऑनलाइन मिलेगी अस्पतालों में खाली आईसीयू बेड की जानकारी

Delhi Hospitals News दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने जाने वालों के लिए राहत भरी खबर है। अब इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को अस्पतालों में खाली आईसीयू बेड की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आइसीयू बेड डैशबोर्ड जारी किया है। इसके अनुसार 17 अस्पतालों के 389 आइसीयू बेड में से 42.41 प्रतिशत बेड खाली हैं।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 28 Jul 2024 08:26 AM (IST)
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दिल्ली का जीटीबी अस्पताल l फोटो सौ.- जागरण आर्काइव
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के आईसीयू बेड का डैशबोर्ड जारी किया है। इससे मरीजों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उपलब्ध व खाली आईसीयू बेड की ऑनलाइन जानकारी मिल सकेगी।

साथ ही इस डैशबोर्ड के जरिये मरीजों को आईसीयू सुविधा से लैस नजदीकी अस्पताल की भी जानकारी मिल सकेगी। इसलिए लोग जरूरत पड़ने पर अस्पतालों में आईसीयू बेड उपलब्धता की ऑनलाइन जानकारी लेकर अपनी सुविधा के अनुसार अपने मरीज को लेकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पहुंच सकते हैं।

कंट्रोल रूम शुरू करने की सिफारिश

कुछ माह पहले अस्पतालों में चिकित्सा संसाधनों की कमी के मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने ऑनलाइन डैशबोर्ड और सेंट्रलाइज कमांड व कंट्रोल रूम शुरू करने की सिफारिश की थी। ताकि आईसीयू बेड की उपलब्धता की जानकारी वास्तविक समय में लोगों को मिल सके।

अभी अपलोड की गई 17 अस्पतालों में की जानकारी

इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने विभागीय पोर्टल (http://www.health.delhi.gov.in) पर आईसीयू बेड का ऑनलाइन डैशबोर्ड जारी किया है। जिस पर अभी 17 अस्पतालों में उपलब्ध आईसीयू बेड की जानकारी अपलोड की गई। डैशबोर्ड पर दर्ज डाटा के अनुसार इन 17 अस्पतालों के 34 यूनिट में 389 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। जिसमें शनिवार देर शाम तक 42.41 प्रतिशत आईसीयू बेड खाली थे।

अभी इस डैशबोर्ड पर दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों के आईसीयू बेड की जानकारी दर्ज नहीं की गई है। हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार के 25 अस्पतालों में 1,058 आईसीयू बेड हैं। बताया जा रहा है कि धीरे-धीरे सभी अस्पतालों के आईसीयू बेड का डाटा जारी होगा। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी और इलाज में पारदर्शिता भी आएगी।

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