Farmers Protest: टीकरी बॉर्डर पर आवाजाही में लोगों को मिली ढील, एक बैरिकेड को हटाया
टीकरी बॉर्डर पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कर्मी तो तैनात हैं ही बृहस्पतिवार को यहां पर एंबुलेंस की तीन गाड़ियां भी खड़ी कर दी गई हैं। अगर कोई पुलिस कर्मी या अर्ध सैनिक बलों के जवान घायल होते हैं तो उनको अस्पताल ले जाने के लिए आसानी होगी। सख्ती के बीच बृहस्पतिवार को टीकरी बॉर्डर पर आवाजाही में ढील दी गई है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। किसानों के दिल्ली कूच के एलान को देखते हुए बुधवार को टीकरी बॉर्डर पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई थी, लेकिन बृहस्पतिवार को इसमें ढील दी गई। बृहस्पतिवार को दोनों रोड के बीच बने सेंट्रल वर्ज पर से एक बैरिकेड हटा दिया गया है।
इस वजह से लोग अब पैदल बॉर्डर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जा पा रहे हैं। यहां से करीब 500 मीटर पैदल चलने के बाद उन्हें टीकरी बॉर्डर से ही दिल्ली की बस मिल जा रही है। बृहस्पतिवार को काफी लोग पैदल ही चलते दिखाई दिए। कोई महिला बच्चों को गोद में उठाकर जा रही थी तो कोई हाथ पकड़कर। दिनभर टीकरी बॉर्डर पर यही हालात रहे।
टीकरी बॉर्डर पर एबुलेंस भी पहुंची
टीकरी बॉर्डर पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कर्मी तो तैनात हैं ही, बृहस्पतिवार को यहां पर एंबुलेंस की तीन गाड़ियां भी खड़ी कर दी गई हैं। अगर कोई पुलिस कर्मी या अर्ध सैनिक बलों के जवान घायल होते हैं तो उनको अस्पताल ले जाने के लिए आसानी होगी।टीकरी बॉर्डर पर अब दुकानों को बंद करवा दिया गया है। दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों के पास अब काम नहीं है।इस वजह से वह दुकानों के बाहर बने चबूतरे पर बैठकर धूप सेंकते रहते हैं और बैरिकेड के पीछे तैनात पुलिस कर्मियों को देखते रहते हैं।
ऑटो का ले रहे सहारा
हरियाणा के बहादुरगढ़ से दिल्ली जाने वाले लोगों को मुख्य बैरिकेड से 100 मीटर पहले लगाए गए लोहे के बैरिकेड के पास ऑटो चालक उतार दे रहे हैं। वह उन्हें गलियों के रास्ते हरियाणा के दूसरे इलाकों तक लेकर जा रहे हैं। अभी तक लोगों से सामान्य किराया लिया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में ऑटो चालक किराया बढ़ा सकते हैं। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान भी यह देखने को मिला था।मेट्रो से लोगों का सफर हुआ आसान
टीकरी बॉर्डर पर मेट्रो का संचालन होने से हरियाणा से दिल्ली आने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वह अब बस या कार की जगह मेट्रो से सफर कर रहे हैं। इस वजह से भी टीकरी बॉर्डर पर पैदल जाने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। पैदल जाने वाले लोगों में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों व उनके परिवार के लोगों की संख्या ज्यादा है।
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