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IGI एयरपोर्ट पर बनाए गए जीवोदय वेयर हाउस से राजधानी के लोगों को मिल रहा नया जीवन

दिल्ली में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए हर तरफ से तैयारियां की जा रही है। रेलवे और हवाई मार्ग से यहां पर हर तरह की मेडिकल सुविधाएं पहुंचाई जा रही है जिससे मरीजों को मेडिकल सुविधाएं मिलती रहें इस तरह की कोई कमी न आने पाए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 04 May 2021 01:17 PM (IST)
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आइजीआइ पर जीवोदय वेयर हाउस बनाया गया है यहां पर कई देशों से आई मेडिकल सामग्रियों को रखा गया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए हर तरफ से तैयारियां की जा रही है। रेलवे और हवाई मार्ग से यहां पर हर तरह की मेडिकल सुविधाएं पहुंचाई जा रही है जिससे मरीजों को मेडिकल सुविधाएं मिलती रहें, इस तरह की कोई कमी न आने पाए। हवाई मार्ग से दूसरे देशों से दवाएं, आक्सीजन सिलेंडर और अन्य चीजें पहुंच रही हैं वहीं रेलवे की ओर से अपनी लाइनों के माध्यम से आक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जा रही है। आइजीआइ पर जीवोदय वेयर हाउस बनाया गया है यहां पर कई देशों से आई मेडिकल सामग्रियों को रखा गया है, वहां से इनको जरूरत के हिसाब से भेजा जा रहा है।

वेयरहाउस में जमा की जा रही दवाएं

कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी अपनी भूमिका अदा कर रहा है। रोजाना विभिन्न विमानों से यहां चिकित्सा उपकरण लाए जा रहे हैं। विमान से उतारकर सामग्री को वेयरहाउस में रखा जाता है। यहां विभिन्न तापक्रमों पर दवाइयों को रखने की सुविधा है, ताकि दवाइयां खराब न हों। यहां सामान रखे जाने के बाद फिर जरूरत के हिसाब से वेयर हाउस से अलग-अलग जगहों पर चिकित्सा सामग्री भेजी जा रही है। इनमें टीका, क्रायोजेनिक टैंकर, रेमडेसिविर इंजेक्शन, आक्सीजन कंसंट्रेटर, विभिन्न दवाइयां सहित कई जरूरी चीजें शामिल हैं।

पांच दिन में 300 टन सामग्री की खेप पहुंची

पांच दिन के अंदर एयरपोर्ट पर 300 टन सामग्री की खेप दुनिया के अलग-अलग देशों से यहां पहुंच चुकी है। यह चिकित्सा सामग्री अमेरिका, ब्रिटेन, उज्बेकिस्तान, थाइलैंड, कतर, जर्मनी व चीन सहित विभिन्न देशों से मंगाई गई है। विमान से उतारकर इन सामग्रियों को जीवोदय नामक वेयर हाउस में रखा जा रहा है। इस वेयर हाउस को डायल ने जरूरत के हिसाब से तैयार किया है।

3500 वर्गमीटर में बना है वेयरहाउस

इस वेयर हाउस में सिर्फ कोरोना संक्रमितों के उपचार में प्रयुक्त जरूरी चिकित्सा सामग्री को ही जगह दी जाती है। करीब 3500 वर्ग मीटर में इस वेयरहाउस को बनाया गया है। 28 अप्रैल को ही इसे शुरू कर दिया गया था। चिकित्सा सामग्री वाली कार्गो फ्लाइट को तरजीहएयरपोर्ट पर फिलहाल उन कार्गो विमानों की लैंडिग को प्राथमिकता दी जा रही है जिनमें चिकित्सा सामग्री होती है। इन्हें कार्गो टर्मिनल के पास जगह दी जाती है, ताकि इनसे सामान जल्द उतारा जा सके।

आक्सीजन एक्सप्रेस पहुंची

दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर 30.86 टन आक्सीजन लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस पहुंच गई। ओडिशा के अंगुल से ये आक्सीजन आई है। सोमवार शाम 5.10 बजे यह रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इसके बाद दोनों टैंकरों को पुलिस की निगरानी में गंतव्य स्थान तक भेज दिया गया।

तीसरी आक्सीजन एक्सप्रेस

राजधानी में तीसरी बार आक्सीजन एक्सप्रेस से आक्सीजन पहुंचाई गई है। सबसे पहले 27 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से 70 टन आक्सीजन लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी। इसके बाद दुर्गापुर से 120 टन आक्सीजन लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी। अब तक आक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से राजधानी को 220.86 टन आक्सीजन की आपूर्ति हो चुकी है।

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