Delhi Pollution: ग्रेप का पालन नहीं करने पर होगी जेल, 491 साइटों पर काम बंद, निगरानी के लिए टीम गठित
Delhi Pollution आयोग के नियमों का उल्लंघन कर प्रदूषण फैलाने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है। आयोग ने औद्योगिक इकाइयों के संचालकों और विभिन्न निमार्ण परियोजनाओं जुड़ी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि उन्हें फैक्ट्रियों व निर्माण स्थलों पर प्रदूषण की रोकथाम के उपायों का पालन करना होगा।
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Sat, 15 Oct 2022 04:24 PM (IST)
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली एनसीआर एयर इंडेक्स बढ़ने लगा है। इस वजह से अगले कुछ दिनों में प्रदूषण बढ़ने से हवा की गुणवत्ता खराब हो सकती है। इसके मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली एनसीआर से संबंधित सभी राज्य सरकारों की एजेंसियों, और राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अलर्ट जार कर प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को सख्ती से लागू करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
निगरानी के लिए 40 फ्लाइंग स्क्वायड टीम गठित
साथ ही आयोग ने खुद भी प्रदूषण के खिलाफ इस अभियान की निगरानी के लिए कमर कम ली है और 40 फ्लाइंग स्क्वायड टीम गठित कर कार्रवाई शुरू की है। इसके तहत आयोग ने ग्रेप के नियमों का उल्लंघन कर प्रदूषण फैलाने वाले 491 निर्माण स्थलों को बंद करा दिया है। खास बात यह है कि ग्रेप का पालन नहीं करने पर जेल भी हो सकती है।
आयोग के नियमों का उल्लंघन करने पर होगी जेल
ऐसे में आयोग के नियमों का उल्लंघन कर प्रदूषण फैलाने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है। आयोग ने औद्योगिक इकाइयों के संचालकों और विभिन्न निमार्ण परियोजनाओं जुड़ी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि उन्हें फैक्ट्रियों व निर्माण स्थलों पर प्रदूषण की रोकथाम के उपायों का पूरा पालन करना होगा। आयोग ने लोगों को भी निर्देश दिया है कि वे प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेप के प्रत्येक चरण में लागू होने वाले नियमों का ठीक से पालन करें।टीम ने किया था 8580 साइटों का निरीक्षण
आयोग द्वारा गठित फ्लाइंग स्क्वायड टीम दिल्ली एनसीआर में सभी जगह जाकर औचक निरीक्षण करेगी औद्योगिक, निर्माण व विध्वंस स्थलों के अलावा आवासीय, व्यवसायिक प्रतिष्ठान व अधिक प्रदूषण वाले स्थलों का भी यह टीम निरीक्षण करेगी। इस टीम ने शुक्रवार तक करीब 8580 साइटों का निरीक्षण किया है। इस दौरान 491 जगहों पर आयोग के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। एनसीआर में स्थित उत्तर प्रदेश के शहरों में सबसे अधिक 211 निर्माण स्थलों पर प्रदूषण की रोकथाम के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था।
निर्माण सामग्री को ढंक कर रखना जरूरी
इसके अलावा में दिल्ली में 110, हरियाणा में 118 व राजस्थान में 25 स्थलों पर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। ग्रेप के नियमों के अनुसार निर्माण व विध्वंस स्थल ढंका होना चाहिए, ताकि आसपास के इलाके के वातावरण में धूल न फैलने पाए। इसके अलावा निर्माण सामग्री भी ढंक कर रखना जरूरी होता है।
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