G20 Summit: सम्मेलन के 10 दिन बाद ही फीकी पड़ने लगी रंगत, मुरझाने रहे पौधे; गमले में पानी देने वाला नहीं कोई
जी-20 शिखर सम्मेलन में राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह संजाया गया था। जगह-जगह फव्वारे बनाए गए थे और आयोजन स्थल को हर भरा दिखाने के लिए दिल्ली नगर निगम से लेकर लोक निर्माण विभाग नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने गमले और पौधे लगाए थे। लेकिन दस दिन के भीतर ही जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए लगाई गई हरियाली मुरझाने लगी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। G20 Summit in Delhi: जी-20 शिखर सम्मेलन में राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह संजाया गया था। जगह-जगह फव्वारे बनाए गए थे और आयोजन स्थल को हर भरा दिखाने के लिए दिल्ली नगर निगम से लेकर लोक निर्माण विभाग, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने गमले और पौधे लगाए थे। लेकिन, दस दिन के भीतर ही जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए लगाई गई हरियाली मुरझाने लगी है।
राजधानी के विभिन्न मार्गों पर लगे पौधे रखरखाव के अभाव में सूख रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ गमलों को चोरी भी किया जा रहा है। हालांकि इसकी मात्रा कम हैं।
दिल्ली में कई स्थानों पर सूख रहे पौधे
ऐसा ही हाल राजघाट के सामने गांधी दर्शन के आगे मिला। आईपी पार्क फ्लाईओवर के पास सड़क पर रखे पौधे सूखे हुए नजर आए। वहीं, दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर यह पौधे सूखे हुए दिखाई दे जाएंगे। इतना ही नहीं पानी न मिलने के चलते पौधे पीले भी पड़ने लगे हैं। मथुरा रोड पर लगे कई पौधे पीले पड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
सूख जाएंगे पौधे
अगर, समय से इनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया तो पौधों को सूखने में देर नहीं लगेगी। वहीं, इस मामले लोक निर्माण विभाग प्रमुख अभियंता ओपी त्रिपाठी से पक्ष मांगने के लिए संपर्क किया गया पर संपर्क नहीं हो सका। उल्लेखनीय है कि एमसीडी ने 25 हजार, एनडीएमसी ने एक लाख और चार लाख पौधे के गमले पीडब्ल्यूडी ने लगाए थे।
जी-20 के दौरान जो निगरानी थी वह अब नहीं दिख रही
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सभी विभाग सक्रिय रूप से कार्य कर रहे थे। इसलिए सेंट्रल वर्ज पर लगे पौधों से लेकर सड़क किनारे रखे गमलों में लगे पौधों पर खास निगरानी की जा रही थी। दिन में दो से तीन बार पानी देते हुए भी कर्मी नजर आ रहे थे, लेकिन अब पीडब्ल्यूडी के वाहन सड़कों पर कम दिखाई देने लगे हैं।
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गर्मी बढ़ने पर इन पौधों को पानी नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से पौधे दम तोड़ दे रहे हैं। इतना ही नहीं निगरानी सही तरह से न होने की वजह से कई स्थानों पर देखा जा रहा है कि मिट्टी को पौधे समेत निकालकर असमाजिक तत्व वहीं पर रख दे रहे हैं और प्लास्टिक के गमले को ले जा रहे हैं। आइपी फ्लाइओवर पर लगे कई गमलों में ऐसी स्थिति दिखाई दी।
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फव्वारों को असमाजिक तत्वों से बचाना है चुनौती
गमलों के साथ ही निकायों और विभागों के लिए चुनौती फव्वारों का रखरखाव है। पीडब्ल्यूडी और एनडीएमसी इन फव्वारों में पानी तो डाल रहे हैं। इससे यह फव्वारे संचालित भी हो रहे हैं। पर असमाजिक तत्व इन फव्वारों की मोटर, नल और लाइटें भी चुरा सकते हैं। विभाग को इसकी चिंता हैं। इसलिए प्रत्येक दिन इन फव्वारों को की विभिन्न चीजों की जांच भी की जा रही है।