Water Crisis: जलापूर्ति नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग, दिल्ली और हरियाणा सरकार से HC ने मांगा जवाब
Delhi Water Crisis राष्ट्रीय राजधानी में पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं करने के लिए हरियाणा के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। मामले में आगे की सुनवाई 24 जुलाई को होगी। हाईकोर्ट वकील एसबी त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं करने के लिए हरियाणा के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। मामले में आगे की सुनवाई 24 जुलाई को होगी।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अवकाश पीठ ने दिल्ली और हरियाणा की सरकारों और हरियाणा के सिंचाई और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता अधिवक्ता एसबी त्रिपाठी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने इस भीषण गर्मी में जानबूझकर दिल्ली को पानी की आपूर्ति कम कर दी है।
हाईकोर्ट वकील एसबी त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें आरोप लगाया गया था कि हरियाणा ने गर्मी के मौसम में दिल्ली के लिए पानी की आपूर्ति कम कर दी है। पानी की कम आपूर्ति जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से की गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि हरियाणा ने मई 2023 में हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि दिल्ली को ऊपरी तटवर्ती राज्य हरियाणा से 719 क्यूसेक पानी आवंटित है, जो अपने नागरिकों के हिस्से से लगभग 321 क्यूसेक पानी निकालकर राष्ट्रीय राजधानी को लगभग 1040 क्यूसेक पानी की आपूर्ति कर रहा है।
2023 के हलफनामे में कहा गया था कि आज तक हरियाणा ने 1040 क्यूसेक की आपूर्ति कम करने के बारे में कभी कुछ नहीं कहा। 15 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने त्रिपाठी की दिल्ली के लिए पर्याप्त पानी की आपूर्ति की मांग वाली मुख्य याचिका का निपटारा कर दिया था। हाईकोर्ट ने हरियाणा के वचन और बयान को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि राज्य इसके लिए बाध्य है।