Delhi Water Conservation: अब दिल्ली में रुकेगी पानी की बर्बादी, RO से सस्ते प्यूरीफायर के और कई फायदे
मुंबई की स्टार्टअप कंपनी कल्कि इकोस्फेयर ने प्लग एंड प्ले वाटर प्यूरीफायर बनाया है जो जल संरक्षण में मदद करता है। यह नैनोफिल्ट्रेशन तकनीक का उपयोग करता है और पानी की बर्बादी नहीं करता है। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों ने इसे मंजूरी दी है। यह आरओ से सस्ता है और यात्रा के लिए भी उपयुक्त है। यह माइक्रो प्लास्टिक के खतरे को भी कम करता है।
अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। मानव स्वास्थ्य पर सूक्ष्म प्लास्टिक के खतरे को कम करने के साथ ही वाटर प्यूरीफायर 'आरओ' से होने वाली पानी की बर्बादी को रोकने के लिए प्लग एंड प्ले वाटर प्यूरीफायर 'मोबाइल आरओ' (रिवर्स ऑस्मोसिस) सिस्टम का निर्माण किया गया है।
जल संरक्षण और स्वच्छ पेयजल की चुनौती के समाधान की दिशा में मूल रूप से महाराष्ट्र के मुंबई की स्टार्टअप कंपनी कल्कि इकोस्फेयर ने यह पहल की है। कल्कि इकोस्फेयर के प्रबंध निदेशक रोहित साहा का दावा है कि यह खाली प्लास्टिक की बोतलबंद पानी की बोतलों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने में भी कारगर साबित होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के विशेषज्ञों ने भी इसे हर तरह से परखने के बाद मंजूरी दी और वित्तीय सहायता भी दी।
उन्हें इसे बनाने का विचार अपने पिता हेमराज साहा को 'सिरेमिक कैंडल' वाटर प्यूरीफायर बनाते देख आया। रोहित साहा का दावा है कि उनके पिता ने देश का पहला सेरेमिक कैंडल वाटर प्यूरीफायर बनाया था, अब उन्होंने देश का पहला प्लग एंड प्ले मोबाइल आरओ बनाया है।
आरओ आने के बाद जब सेरेमिक कैंडल वाटर प्यूरीफायर पुराना हो गया तो उन्होंने कुछ अलग और नया करने का सोचा। उन्होंने देखा कि पानी के शुद्धिकरण के लिए आरओ बड़े पैमाने पर पानी की बर्बादी करता है। जो भारत जैसे देशों के लिए उचित नहीं है जहां पानी की कमी हमेशा एक बड़ा मुद्दा है।
ऐसे में उन्होंने ऐसा आरओ बनाने का सोचा जो आरओ का काम तो करे लेकिन पानी की बर्बादी बिलकुल न करे। उनका यह आइडिया प्लग एंड प्ले वाटर प्यूरीफायर 'कल्कि इकोस्फीयर' के रूप में दुनिया के सामने आया।
नैनोफिल्ट्रेशन तकनीक का इस्तेमाल
इसमें पानी के शुद्धिकरण के लिए नैनोफिल्ट्रेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो बैक्टीरिया, वायरस और भारी धातुओं को हटाने में सक्षम है। दावा है कि यह दुनिया का पहला प्लग एंड प्ले वाटर प्यूरीफायर है जो सिलिकालाइट ट्रेसिंग मैकेनिज्म तकनीक का इस्तेमाल करता है। जो प्रदूषित पानी को शुद्ध करता है, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रसायनों को हटाता है और पर्यावरण के अनुकूल है।
इसमें लगे अत्याधुनिक फिल्टर और मेम्ब्रेन पानी से नमक, अन्य अशुद्धियों और हानिकारक तत्वों को हटाकर पानी को पीने योग्य बनाते हैं। खास बात यह है कि पारंपरिक आरओ से अलग इसमें पानी की बर्बादी बिल्कुल नहीं होती।
3,500 लीटर पानी को शुद्ध करने के बाद इसके फिल्टर और झिल्ली को बदलने की जरूरत होती है। इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चाहे आप यात्रा पर हों या ग्रामीण क्षेत्र में, जहां साफ पानी की कमी है, यह डिवाइस नल के पानी या यहां तक कि बोतलों, जगों और मगों में भरे पानी को भी तुरंत शुद्ध कर देती है।
आरओ से सस्ता
यह बहुत महंगा नहीं है। इसके दो मॉडल हैं। एक साधारण प्यूरीफायर है, जो पानी की अन्य अशुद्धियों को शुद्ध करता है लेकिन आरओ की तरह खारे पानी का खारापन दूर नहीं करता, जिसकी कीमत करीब तीन हजार है। दूसरा एमएसजी तकनीक आधारित एक्सेललाइन वाटर प्यूरीफायर है, जो खारे पानी के साथ-साथ अन्य अशुद्धियों का भी खारापन दूर करता है। इसकी कीमत करीब छह हजार है।
माइक्रो प्लास्टिक के खतरे: माइक्रो प्लास्टिक मानव शरीर में प्रवेश कर प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं, कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं।
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