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मोदी की टूटी चुप्पी तो घिरी कांग्रेस, मजबूरी में जप रही है बाबा साहेब के नाम की माला

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने हर मोड़ पर अंबेडकर को धोखा दिया। अब उनके नाम की माला जप रही है तो मजबूरी में।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sun, 15 Apr 2018 02:03 PM (IST)
मोदी की टूटी चुप्पी तो घिरी कांग्रेस, मजबूरी में जप रही है बाबा साहेब के नाम की माला

नई दिल्ली [जेएनएन]। पिछले बीस बाइस दिनों से गरमाई दलित राजनीति और विपक्ष के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पलटवार के लिए शायद सही वक्त और सही मंच का इंतजार कर रहे थे। चुप्पी तोड़ी तो कुछ इस कदर कि सवाल पूछ रही कांग्रेस को अब खुद को पाकसाफ साबित करने के लिए पसीना बहाना होगा।

अन्याय नहीं होने दिया जाएगा

दलितों के मसीहा बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती से ठीक पहले उनकी याद में बनाए गए स्मारक का उदघाटन करने के साथ ही मोदी ने जहां दलितों और आदिवासियों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। वहीं कई उद्धरण पेश करते हुए यह भी बताया कि कांग्रेस ने हर मोड़ पर अंबेडकर को धोखा दिया। अब उनके नाम की माला जप रही है तो मजबूरी में।

अंबेडकर के साथ खड़े होने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे

पीएम इस मौके पर यह बताने से भी नहीं चूके कि उस वक्त भी अंबेडकर के साथ खड़े होने वाले जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। उन्हें भारत रत्न दिलाने के वक्त भी भाजपा के अटल और आडवाणी थे। और अब जबकि भारत से लेकर लंदन तक उनकी यादों को समेटा और सहेजा जा रहा है तो भी केंद्र में भाजपा की ही सरकार है।

कांग्रेस पर साधा निशाना 

दिल्ली के अलीपुर रोड में उस स्थान पर लगभग दो सौ करोड़ की लागत से अंबेडकर नेशनल मेमोरियल बनाया गया है जहां उन्होंने अंतिम दिन बिताए थे। शुक्रवार को इसका उदघाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब भी दिया, एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आशंकित दलितों और आदिवासियों को भरोसा दिया, उन्नाव और कठुआ की बेटियों को आश्वस्त किया तो कांग्रेस को पूरी तरह कठघरे में खड़ा कर दिया।

उन्होंने कहा- 'चुनाव से पहले ऐसे मसले उछाले जाते हैं. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे, मैं चार साल से प्रधानमंत्री हूं और उससे पहले सालों तक मुख्यमंत्री रहा, कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं. क्या कहीं भी आरक्षण खत्म हुआ? मैं फिर से भरोसा दिलाता हूं दलित, आदिवासी भाईयों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। भ्रम फैलाने वाले दलों व नेताओं के चक्कर में कोई न फंसे।' ध्यान रहे कि एससी एसटी एक्ट को लेकर कांग्रेस ने सरकार से सवाल पूछा था। 2 अप्रैल को बंद में कुछ लोगों की जानें भी गई थीं।

कांग्रेस दलितों को न्याय नहीं देना चाहती

लगभग एक घंटे के भाषण में मोदी ने खुद अंबेडकर के कई उद्धरण पेश किए और कहा कि अंबेडकर का कांग्रेस से मोह भी तभी भंग हुआ था जब उन्होंने यह समझ लिया कि कांग्रेस दलितों को न्याय नहीं देना चाहती। पहले तो खुद अंबेडकर को चुनावों में हराने में कांग्रेस का हाथ रहा और बाद में आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए आयोग का गठन भी नहीं किया गया। मंत्री रहते हुए भी अंबेडकर को नेहरू काल में किसी दूसरी अहम समिति में नहीं रखा गया।

अंबेडकर को अपमानित किया गया

पीएम ने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस काल में जिंदा रहते हुए भी अंबेडकर को अपमानित किया गया और उनके देहांत के बाद भी नजरअंदाज किया गया। प्रधानमंत्री ने एक एक कर गिनाया कि अंबेडकर से जुड़ी यादों को तभी संजोया गया जब भाजपा की सरकारें रहीं। अंबेडकर स्मारक पर भी तभी विचार शुरू हुआ था जब केंद्र में वाजपेयी सरकार थी। लेकिन उसके बाद से उस पर चुप्पी रही। फैसला तब हुआ जब केंद्र में मोदी सरकार आई। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मैं खुद गरीब परिवार से आता हूं, जातिवादी सूचक संबोधनों को भी झेल चुका हूं और इसलिए महसूस कर सकते हैं कि अंबेडकर के साथ क्या हुआ होगा। कांग्रेस के लिए यह अहसास से परे है।'

बचाव नहीं, हमला करो

लगे हाथों प्रधानमंत्री मोदी ने ओबीसी वर्ग के प्रति कांग्रेस की असंवेदनशीलता की भी याद दिलाई और कहा कि उनके लिए आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की कवायद भी भाजपा के शासन में हुई है। गौरतलब है कि 14 अप्रैल से पांच मई तक भाजपा पूरे देश में ग्राम सुराज अभियान चलाएगी। उससे ठीक पहले प्रधानमंत्री ने अपने पार्टी नेताओं को स्पष्ट संदेश दे दिया है- बचाव नहीं, हमला करो।

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