Delhi News: गाजियाबाद से किसानों को मिला सहारे का संदेश, पीएम मोदी ने याद दिलाए कल्याण के लिए उठाए गए कदम
गाजियाबाद में रैपिड ट्रेन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को याद दिलाया। पीएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी समेत उनके खर्चों में कटौती और सीधे उन्हें लाभान्वित करने के लिए गए फैसलों का जिक्र किया। यह क्षेत्र तीन कृषि कानूनों के विरोध में लगभग दो साल तक चले आंदोलन के केंद्र में था।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजियाबाद में रैपिड ट्रेन के उद्घाटन के अवसर पर आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास की अपनी कल्पना, उठाए गए कदमों और उनके असर पर जोर देने के साथ ही जिस क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान दिया, वह है कृषि और किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदम। यह अनायास नहीं है। यह वह क्षेत्र है जो तीन कृषि कानूनों के विरोध में लगभग दो साल तक चले आंदोलन के केंद्र में था।
किसानों को साधने की कोशिश
पीएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी समेत, उनके खर्चों में कटौती और सीधे उन्हें लाभान्वित करने के लिए लिए गए फैसलों का जिक्र करके मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों में इस समय हो रहे विधानसभा चुनावों के साथ-साथ आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी किसानों के वर्ग को सही संदेश देने की कोशिश की। गाजियाबाद उस पश्चिमी उत्तर प्रदेश का हिस्सा है जो परंपरागत रूप से किसानों और उनके संगठनों की सक्रियता के लिए जाना जाता है।
यह क्षेत्र भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। इस लिहाज से भी क्योंकि उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद की दोस्ती एक कारगर समीकरण को जन्म देती है। पीएम ने किसानों को यह बताने की पूरी कोशिश की कि उनकी सरकार उन्हें जमीनी स्तर पर सशक्त करने के लिए काम कर रही है। भाजपा ने 2014 में यहां की सभी 14 लोकसभा सीटें जीती थीं, लेकिन 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के कारण उसे सात सीटों का नुकसान हुआ था।
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किसानों के हित में लिए गए फैसलों का किया जिक्र
हालांकि रामपुर की सीट फिर उपचुनाव के बाद फिर से भाजपा के पास है। 2022 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने पूरे क्षेत्र में अपना दबदबा कायम किया था, इसके बावजूद पार्टी सपा-रालोद की चुनौती को गंभीरता से ले रही है। पीएम ने बताया कि किसानों के हित में लिए गए फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि रबी की फसलों के एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की गई है, मसूर का एमएसपी 425 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ा है, सरसों में 200 और गेहूं के एमएसपी में 150 रुपये की वृद्धि हुई है।
गेहूं का एमएसपी 2014 में केवल 1400 रुपये था, यह आज 2000 रुपये के पार चला गया है। मसूर में वृद्धि नौ साल में दो गुनी है। यह किसानों को लागत से डेढ़ गुना ज्यादा समर्थन मूल्य देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यूरिया की उपलब्धता अब कहीं कम मूल्य पर है। जो यूरिया की बोरी कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में तीन हजार रुपये का होती थी, वह आज तीन सौ से भी कम में उपलब्ध है।
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उन्होंने पराली का विषय भी छुआ और कहा कि पराली ने बायोफ्यूल और एथनाल यूनिटें पूरे देश में लगाई जा रही हैं। इससे एथनाल उत्पादन दस गुना बढ़ गया है। किसानों को केवल एथनाल उत्पादन से 65 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। पिछले दस महीनों में किसानों को 18 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। खास तौर पर मेरठ-गाजियाबाद क्षेत्र का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि यहां के किसानों को केवल 2023 के दस महीनों में एथनाल उत्पादन के लिए तीन सौ करोड़ रुपये मिले हैं।