दिल्ली की हवा से लेकर पानी तक सबमें घुला जहर, छठ से पहले यमुना की सामने आई डराने वाली तस्वीर
दिल्ली में सर्दी के शुरू होते ही हवा से लेकर पानी तक सब कुछ जहरीले होते जा रहे हैं। जहां शुक्रवार को आनंद विहार की औसत वायु गुणवत्ता 300 के पार पहुंच गई वहीं यमुना नदी में एक बार फिर जहरीले झाग की चादर छा गई है। इस बार मॉनसून में रिकॉर्ड बारिश हुई लेकिन उससे भी यमुना का प्रदूषण साफ नहीं हुआ।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। खबर की शुरुआत में लगी तस्वीर में सफेद झाग दूर से देखने में बहुत खूबसूरत लग सकता है लेकिन यह दिल्ली चेहरे पर एक बदसूरत धब्बे जैसा है।
यह झाग कुछ और नहीं दिल्ली में यमुना नदी पर छाया जहरीला झाग है। छठ से पहले यमुना नदी पर सफेद जहरीले झाग की इस चादर ने छठ व्रतियों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं इस वक्त दिल्ली की हवा से लेकर पानी तक सबमें जहर घुल गया है।
रिकॉर्ड वर्षा के बाद भी नहीं साफ हुआ यमुना का प्रदूषण
इस बार मानसून के दौरान यूं तो दिल्ली में रिकार्ड वर्षा दर्ज की गई, लेकिन यमुना में बाढ़ एक बार भी नहीं आई। इसी का नतीजा है कि नदी में सितंबर से बढ़ना शुरू हुआ प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। यमुना में कुछ जगहों पर तो झाग भी नजर आने लगा है। विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के अनुसार इस बार यमुना में प्रदूषण की समस्या अधिक रह सकती है।
दरअसल, यमुना में बाढ़ आने पर पानी का प्रवाह अधिक हो जाता है और उसके साथ गंदगी भी बह जाती है। इसकी वजह से यमुना कुछ महीनों तक साफ नजर आने लगती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। आमतौर पर मानसून में एक से दो बार हल्की बाढ़ देखने को मिल ही जाती थी।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने यमुना के अलग अलग हिस्सों से एक अक्टूबर को जल गुणवत्ता के नमूने लिए थे। इनकी रिपोर्ट जारी कर दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार 2023 के सितंबर की तुलना में अबकी बार यमुना में हर जगह प्रदूषण अधिक रहा। बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) के मानक एक जगह जबकि डिजाल्वड आक्सीजन (डीओ) के मानक तीन जगहों पर ही पूरे हो पाए।
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जगह | बीओडी | डीओ |
पल्ला | 3.0 | 8 |
वजीराबाद | 5.0 | 7.6 |
आईएसबीटी ब्रिज | 11.0 | 6.4 |
आईटीओ ब्रिज | 23.0 | 4.1 |
ओखला बैराज | 25.0 | 3.7 |
आगरा कनाल | 27.0 | 2.5 |
असगरपुर | 29.0 | 2.2 |