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New Delhi: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के रैकेट का भंडाफोड़, TTE की वर्दी में पांच गिरफ्तार

New Delhi रेलवे स्टेशन थाना पुलिस ने पांच नकली चल टिकट परीक्षक (टीटीई) को गिरफ्तार कर रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पांचों के मोबाइल फोन में नकली आइडी-कार्ड व रेलवे के नियुक्ति पत्र मिले हैं।

By Aditi ChoudharyEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2022 07:47 AM (IST)
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रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के रैकेट का भंडाफोड़, TTE की वर्दी में पांच गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना पुलिस ने पांच नकली चल टिकट परीक्षक (टीटीई) को गिरफ्तार कर रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पांचों के मोबाइल फोन में नकली आइडी-कार्ड व रेलवे के नियुक्ति पत्र मिले हैं। गिरफ्तार आरोपितों में गिरोह का एक सदस्य भी है।

डीसीपी (रेलवे) हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मोहम्मद रिजवान, भूपेंद्र चौरसिया, गगनदीप सिंह, गौरव कुमार और अमनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सदस्य नौकरी का झांसा देकर युवाओं को नई दिल्ली स्टेशन लाते थे और यहां फर्जी तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता था। इन युवाओं से लाखों रुपये वसूलकर उन्हें नकली नियुक्ति पत्र व आइ-कार्ड थमाकर ट्रेनों में चेकिंग के लिए भेज दिया जाता था।

एक रेलकर्मी की सतर्कता से पकड़े गए आरोपित

डीसीपी ने बताया कि साजिश का पता तब चला, जब 30 अगस्त को कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस में एक रेलवे कर्मी द्वारा नकली टीटीई को रोका गया। वह युवक टीटीई की वर्दी पहने था और उसके मोबाइल फोन में आइडी-कार्ड भी था। शक होने पर रेलवे कर्मी ने इसकी सूचना मुख्य टिकट निरीक्षक को दी। आरपीएफ ने उसे पकड़कर जांच के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना पुलिस को सौंप दिया। उसकी पहचान भूपेंद्र चौरसिया के रूप में हुई।

नई दिल्ली स्टेशन पर कई युवक ले रहें ट्रेनिंग

भूपेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसे प्रशांत शुक्ला नाम के व्यक्ति ने उक्त कार्ड दिया था, जिसे रेलवे में नौकरी पाने के लिए उसने पैसे दिए थे। उसके जैसे कई अन्य युवक नई दिल्ली स्टेशन पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। मोहम्मद रिजवान नाम का शख्स उनका प्रभारी है, जो उनकी उपस्थिति दर्ज करता है। भूपेंद्र पुलिस को अजमेरी गेट की तरफ केएफसी के तरफ एक व्यक्ति के पास ले गया, जो टीटीई की वर्दी में था। उसने खुद को रिजवान बताया और टीटीई का ट्रेनर होने की बात कही। उसके मोबाइल फोन में भी नकली आइडी कार्ड था।

नकली टीटीई का गिरोह सक्रीय

रिजवान ने बताया कि उसने संदीप नाम के शख्स को नौकरी के लिए दो लाख दिए थे। संदीप ने उसे अन्य प्रशिक्षुओं की उपस्थिति प्राप्त करने और उनका प्रशिक्षण संचालित करने का काम सौंपा था। उसकी सूचना पर तीन और नकली टीटीई को पकड़ा गया। उनकी पहचान गौरव कुमार, गगन दीप सिंह और अमनदीप सिंह के रूप में हुई।

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