NewsClick के खिलाफ केस मजबूत करने के लिए सरकारी गवाह बनाने की तैयारी में दिल्ली पुलिस, पत्रकारों से किया ये अनुरोध
आबकारी घोटाले की तरह समाचार न्यूजक्लिक मामले में भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल केस से जुड़े कुछ आरोपित पत्रकारों को सरकारी गवाह बनाएगी। केस को मजबूत बनाने के लिए पुलिस ने ऐसा निर्णय लिया है। सरकारी गवाह बनाने के लिए स्पेशल सेल पिछले कुछ समय से कुछ आरोपित पत्रकारों को बार-बार सेल के लोधी कालोनी स्थित कार्यालय में बुलाकर पुलिस उनसे गवाह बनने के लिए अनुरोध कर रही है।
By Rakesh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 18 Oct 2023 07:21 PM (IST)
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। NewsClick Row: आबकारी घोटाले की तरह समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक मामले में भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल केस से जुड़े कुछ आरोपित पत्रकारों को सरकारी गवाह बनाएगी। केस को मजबूत बनाने के लिए पुलिस ने ऐसा निर्णय लिया है।
सरकारी गवाह बनाने के लिए स्पेशल सेल पिछले कुछ समय से कुछ आरोपित पत्रकारों को बार-बार सेल के लोधी कालोनी स्थित कार्यालय में बुलाकर पुलिस उनसे गवाह बनने के लिए अनुरोध कर रही है।
पत्रकारों पर लगा है ये आरोप
न्यूजक्लिक के पत्रकारों पर चीनी कंपनियों से पैसे लेकर उसके पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने का आरोप है। इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां ( रोकथाम ) अधिनियम के तहत न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ व एचआर कर्मी अमित चक्रवर्ती को सेल ने गत दिनों गिरफ्तार किया था। दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के आधार पर पुलिस अन्य के खिलाफ भी सुबूत जुटाने में लगी हुई है। जिसके आधार पर आगे अन्य कई की गिरफ्तारी हो सकती है। समाचार पोर्टल के मालिक, पोर्टल से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों व अन्य पर तीन तरफ से शिकंजा कसना शुरू हो गया है।यह भी पढ़ें- NewsClick Case: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को करेगी मामले की सुनवाई, प्रबीर पुरकायस्थ ने दी है HC के फैसले को चुनौती
मामले की क्रोनोलॉजी
पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच शुरू की। फिर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारियां कीं। बाद में 11 अक्टूबर को सीबीआइ ने न्यूजक्लिक के सैदुलाजाब स्थित कार्यालय समेत दो ठिकानों पर छापेमार कई घंटे तक तलाशी ली थी और वहां मौजूद समाचार पोर्टल के वरिष्ठ पत्रकारों व कंपनी से जुड़े अन्य कर्मियों से पूछताछ की थी।
सीबीआई विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम ( एफसीआरए ) के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में समाचार पोर्टल कंपनी और उसके निदेशक सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है।सीबीआइ का कहना है कि न्यूजक्लिक पर चीनी कंपनियों से अवैध तरीके से पैसे लेने का आरोप है। कंपनी ने बिना लाइसेंस के चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लिए जो फारेन कांट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है। किसी भी भारतीय कंपनी को विदेश से फंड लेने के लिए पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए विस्तृत गाइडलाइन है।
न्यूजक्लिक केंद्र सरकार से बिना लाइसेंस लिए कई वर्षों से चीन से पैसे ले रहा था। ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रही है। ईडी यह पता लगा रही है कि न्यूजक्लिक कंपनी को कितने पैसे आए, उसका इस्तेमाल कहां किया गया। कंपनी को कितना मुनाफा हुआ। किन-किन लोगों को कितने पैसे मिले। विदेश से पैसों का लेन-देन किस तरह हुआ।यह भी पढ़ें- चाइनीज फंडिंग मामले में NewsClick के संस्थापक ने खटखटाया SC का दरवाजा, कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी को बताया गलत
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