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Delhi News: सोनम वांगचुक और उनके सहयोगी हिरासत से रिहा, पुलिस पहरे में राजघाट के लिए रवाना

Environmental Activist Sonam Wangchuk दिल्ली पुलिस पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक व उनके सहयोगियों को लेकर राजघाट पहुंच रही है। दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Environmental Activist Sonam Wangchuk) व उनके साथियों को सोमवार रात से हिरासत में रखा हुआ है। वहीं इससे दिल्ली की राजनीतिक माहौल गरमा गया है। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेकर पूरा अपडेट पढ़िए।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 02 Oct 2024 06:44 PM (IST)
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सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस राजघाट लेकर आ रही है। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। Sonam Wangchuk पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत उनके सहयोगियों को हिरासत से रिहा कर दिया गया। सोनम वांगचुक अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली पुलिस के कड़े पहरे में राजघाट के लिए रवाना हो गए हैं।

44 घंटे पुलिस हिरासत में रहे सोनम वांगचुक

लगभग 44 घंटे की हिरासत के बाद पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता साेनम वांगचुक व उनके साथियों को बुधवार शाम छह बजे रिहा कर दिया गया है। बवाना पुलिस स्टेशन के अंदर से ही वांगचुक व उनके साथियों को एक बस और ब्रेजा कार में बाहर निकाला गया।

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बता दें कि यह सब काम पुलिस ने इतना फुर्ती से किया कि मीडिया के लोग वांगचुक व उनके साथियों से बात नहीं कर पाए। बताया जाता है कि सभी को पुलिस पहरे में राजघाट ले जाया जा रहा है। वांगचुक राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

सोमवार रात में हिरासत में लिए गए थे वांगचुक

पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Environmental Activist Sonam Wangchuk) व उनके साथियों को दिल्ली पुलिस द्वारा सोमवार रात से हिरासत में रखने पर दिल्ली की राजनीतिक माहौल गरमा गया है। वांगचुक समेत करीब 200 सहयोगियों को पुलिस ने सिंघु सीमा (Singhu Border) पर ही हिरासत में लिया था, जिन्हें बाहरी-उत्तरी जिला के छह थानों में रखा गया था।

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मिलने पहुंची थीं दिल्ली की सीएम आतिशी

मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री आतिशी भी बवाना थाने पहुंची, लेकिन उन्हें वांगचुक से नहीं मिलने दिया गया था। आम चुनाव से पहले सरकार से बातचीत में चुनाव बाद मांगों पर गौर करने की बात कही गई थी, लेकिन जब कोई ध्यान नहीं दिया, तब वे लोग पदयात्रा पर निकले हैं।

क्या हैं मांगें-

  • मार्च का आयोजन लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) द्वारा किया गया, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहा है।
  • लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग की मांग।
  • लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीट बनाने की मांग।
  • साथ ही जल्द भर्ती प्रक्रिया और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है।
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