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लोकसभा चुनावों में डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग करने वालों पर नकेल कसेगी पुलिस, IFSO को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश

देशभर में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों के साथ समन्वय बनाकर कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार कुछ समय पहले ही दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट आईएफएसओ को नोडल एजेंसी बना चुकी है। ऐसे में इस चुनाव में इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने की इस यूनिट पर बड़ी जिम्मेदारी रहेगी। चुनाव आयोग भी इस संबंध में एसओपी जारी कर चुकी है।

By Sonu Suman Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 04 Apr 2024 03:11 PM (IST)
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आम चुनावों में डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग करने वालों पर नकेल कसेगी पुलिस।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों की ओर से मतदाताओं को लुभाने के लिए एआई-जनित डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की आशंका जताई गई है। इस तरह के संभावित खतरों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। 

देशभर में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों के साथ समन्वय बनाकर कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार कुछ समय पहले ही दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट आईएफएसओ को नोडल एजेंसी बना चुकी है। ऐसे में इस चुनाव में इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने की इस यूनिट पर बड़ी जिम्मेदारी रहेगी। भारत निर्वाचन आयोग फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं की पहचान और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए पहले ही मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर चुकी है।

नकली वीडियो का पता लगाने के लिए तकनीक उपलब्ध नहीं

साइबर अपराध इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने की आशंका के मद्देनजर उसका पता लगाने व त्वरित कार्रवाई करने की बड़ी जिम्मेदारी रहेगी, क्योंकि ऐसी कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके बनाई गई मूल और नकली वीडियो सामग्री का पता लगा उसका अंतर समझ सके। 

कई देशों में डीपफेक का हुआ दुरुपयोग

पुलिस अधिकारी का कहना है कि जब तक इस पर ध्यान जाता है, तब तक नुकसान हो चुका होता है क्योंकि इंटरनेट मीडिया पर यह फैल जाता है। कई देशों में चुनावों के दौरान डीपफेक वीडियो और वायस क्लोनिंग के दुरुपयोग के मामले देखे गए हैं।

डीपफेक पर नजर रखने के लिए दक्षकर्मियों की टीम

दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ में डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग पर नजर रखने के लिए 50 से अधिक तकनीक में दक्ष कर्मियों की टीम बनाई गई है जो 24 घंटे सभी इंटरनेट प्लेटफार्म पर नजर रख रहे हैं। विगत विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद मनोज तिवारी का वायस क्लोनिंग दुष्प्रचार करने की कोशिश की गई थी, जिसकी तुरंत पहचान कर ली गई थी।

राजनीतिक पार्टियां एआई का गलत इस्तेमाल न करें

पुलिस अधिकारी का कहना है कि एआई जनित गलत सूचना का प्रसार चुनावी प्रक्रिया और लोकतांत्रिक संस्थानों में जनता के विश्वास को कम करता है। राजनीतिक पार्टियों को इस तरह का हथकंडा अपनाने से बचना चाहिए। साइबर विशेषज्ञ का कहना है कि सरकार को एआई तकनीक के मूल्यांकन और अनुमोदन के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष दिशानिर्देश विकसित करने के लिए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों, तकनीकी कंपनियों व नागरिक समाज संगठनों सहित हितधारकों के साथ जुड़ना चाहिए। 

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आइ4सी को नोडल एजेंसी बनाया गया

केंद्र ने आपत्तिजनक ऑनलाइन सामग्री को हटाने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आइ4सी) को नोडल एजेंसी बनाया है। जैसे ही किसी राज्य की पुलिस आनलाइन दुर्भावनापूर्ण सामग्री के बारे में आइ4सी को सूचित करेगी, वे सामग्री को हटाने के लिए इंटरनेट मीडिया कंपनियों तक पहुंच जाएंगे। राज्यों की पुलिस को भी सक्रियता दिखाने की जरूरत है। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह की सामग्री का पता लगाने और उसे हटाने के लिए इंटरनेट मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। 

सिंथेटिक वीडियो की तत्काल पहचान चुनौती

एआई-जनित सामग्री या सिंथेटिक वीडियो, ऑडियो की तुरंत पहचान करना बड़ी चुनौती है। कई देशों की भारतीय चुनावों में रुचि रहती है ऐसे में उन देशों के नागरिक भी डीपफेक वीडियो आदि के जरिये माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं।

इन देशों में हो चुके गलत इस्तेमाल

  • जनवरी 2024 में अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के न्यू हैम्पशायर प्राइमरी के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन की आवाज की नकल करने वाले एक रोबोकाल ने मतदाताओं को चुनाव में भाग न लेने की झूठी सलाह दी थी।
  • फरवरी 2023 में नाइजीरियाई चुनावों के दौरान मतपत्रों में हेरफेर करने की योजना में एक फर्जी आडियो क्लिप ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को झूठा फंसाया। 
  • बांग्लादेश में राष्ट्रीय चुनावों से पहले इंटरनेट मीडिया पर विपक्षी राजनेताओं रुमिन फरहाना की आपत्तिजनक और निपुण राय के स्विमिंग पूल में डीपफेक वीडियो सामने आए।
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