दीपावली पर और विषैली हो जाएगी दिल्ली की हवा, हालात पर रखी जा रही है नजर
18 अक्टूबर को पीएम-10 का स्तर 264 और पीएम-2.5 का स्तर 169 होने का अनुमान है। यानि मंगलवार से ज्यादा खराब हवा बुधवार को रहेगी, जबकि दीपावली के दिन हवा सबसे ज्यादा खराब रहेगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दीपावली आते-आते दिल्ली-एनसीआर की हवा और विषैली हो जाएगी। यह अनुमान वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय के अधीन काम कर रही एजेंसी सफर-इंडिया ने जताया है।
एजेंसी के मुताबिक यह स्तर दीपावली के दिन यानी 19 अक्टूबर को काफी खतरनाक स्थिति में पहुंच जाएगा। इसके तहत पीएच-10 का स्तर 19 अक्टूबर को 300 के करीब रहेगा, जबकि पीएच-2.5 का स्तर भी 210 के आस-पास रहेगा।
वायु गुणवत्ता खराब होती जा रही है
सफर-इंडिया ने यह रिपोर्ट दीपावली के तीन दिन पहले मंगलवार को शाम सात बजे की दी है। जो हर घंटे लगातार अपडेट भी की जा रही है। इसके तहत दिल्ली सहित पुणे, मुंबई और अहमदाबाद जैसे देश के चार बड़े प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता को लेकर अनुमान जताया गया है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली स्थिति दिल्ली की है, जहां वायु गुणवत्ता खराब होती जा रही है।
दीपावली के दिन हवा सबसे ज्यादा खराब रहेगी
रिपोर्ट के तहत दिल्ली में 17 अक्टूबर को शाम सात बजे वायु की गुणवत्ता में पीएम-10 का स्तर 249 और पीएम-2.5 का स्तर 137 बताया गया है, जो मानक से बढ़ा हुआ और खराब स्थिति में है। वहीं 18 अक्टूबर को पीएम-10 का स्तर 264 और पीएम-2.5 का स्तर 169 होने का अनुमान है। यानि मंगलवार से ज्यादा खराब हवा बुधवार को रहेगी, जबकि दीपावली के दिन हवा सबसे ज्यादा खराब रहेगी।
स्थिति लगातार अपडेट की जा रही है
खास बात यह है कि इस दौरान सफर ने पुणे, अहमदाबाद और मुंबई के वायु गुणवत्ता की स्थिति का अनुमान जताया है, जहां दीपावली के दिन भी वायु गुणवत्ता के अच्छी रहने का संभावना जताई गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली-एनसीआर की गुणवत्ता के स्तर ऐसे समय में लगातार खराब होती जा रही है, जब यहां वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए पचास से ज्यादा टीमें मॉनीटरिंग और रोकथाम में जुटी हैं। साथ ही पूर्वानुमान की स्थिति भी लगातार अपडेट की जा रही है।
वायु गुणवत्ता का स्टैंडर्ड मानक
वायु गुणवत्ता का जो स्टैंडर्ड मानक है, उसके तहत अच्छी हवा की स्थिति में पीएच-10 का स्तर अधिकतम 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जबकि पीएच-2.5 का स्तर अधिकतम 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। इससे ज्यादा बढ़ने पर वायु की गुणवत्ता खराब होने लगती है।
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